जिला अस्पताल के टीबी वार्ड में मां के पास सो रहे 29 दिन के मासूम बच्चे को श्वानों के नोंचने के बाद पिता को बिना बताए आनन-फानन में शव को दफनाए जाने के मामले में प्रशासन अब मामले को दबाने में जुट गया है। मृतक बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि बुधवार सुबह पुलिस-प्रशासन के कर्मचारी आए और उसे एक रिपोर्ट में हस्ताक्षर करने को कहा। जिसमें घटनाक्रम के बाद लिखा था कि पोस्टमार्टम कराकर शव का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि अंतिम संस्कार उसे बिना बताए किया गया है।
पीड़ित पिता ने बताया कि वह तो अंतिम समय भी अपने बच्चे का चेहरा तक नहीं देख पाया। उसने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान बच्चे की मां और उसके भाई-बहन ही मौजूद रहे। इस पर उसने उस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और कागज पर स्वयं ने लिखकर दिया है, जिसमें लिखा कि उसे बिना बताए अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जिला कलक्टर ने किया निरीक्षण इधर जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल व सीईओ जिला परिषद डॉ. टी शुभमंगला ने अस्पताल का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर व सीईओ ने पीएमओ से घटना की पूरी जानकारी ली और इसके बाद टीबी वार्ड में भर्ती मृतक बच्चे के पिता महेन्द्र कुमार व उसके परिजनों से मिले। उन्होंने पीड़ित परिवार से बात कर सांत्वना दी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद जिला कलक्टर ने घटना स्थल भी देखा। इस दौरान परिजनों ने पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। जिस पर अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जांच में जो भी दोषी होगा सख्त कार्रवाई होगी जिला कलक्टर ने कहा कि यह घटना बहुत निंदनीय हैं। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। पूरी घटना की जांच सीईओ डॉ. टी शुभमंगला कर रही है। इस जांच में जो भी दोषी होगा, उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस तरह की घटना दुबारा नहीं हो, इसके लिए भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। कलक्टर ने बताया कि जांच रिपोर्ट आते ही सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नर्सिंग कर्मचारियों ने किया धरना- प्रदर्शन घटना बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से नर्सिंगकर्मी, वार्ड ब्वॉय व गार्ड के खिलाफ की गई एक तरफा कार्रवाई के विरोध में नर्सिंगकर्मियों व संविदाकर्मियों ने अस्पताल परिसर में धरना देकर विरोध जताया। नर्सिंगकर्मियों ने यहां पीएमओ कार्यालय के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि एक कर्मचारी के पास दो-दो वार्ड की जिम्मेदारी है। ऐसे में आनन-फानन में संविदा कर्मचारियों को हटाने से सभी में आक्रोश है। यदि हटाए गए कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो सभी नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। बाद में समझाइश पर माने और काम पर लौटे।
अस्पताल में बढ़ाए गार्ड, एक गेट से एन्ट्री के निर्देश इधर, इस दिल दहलाने वाली घटना के बाद जागे अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को अव्यवस्थाओं से बेहाल अस्पताल की सुध ली। अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल की सुरक्षा के लिए 5 गार्ड और लगा दिए हैं। इससे पहले 12 गार्ड थे, जिससे बढ़कर अब 17 गार्ड हो गए हैं। साथ ही देर शाम के बाद अस्पताल में सिर्फ एक गेट से ही एन्ट्री हो सकेगी। बाकी गेट बंद कर दिए जाएंगे। पीएमओ डॉ. ए के मौर्य ने बताया कि अब रात्रीकालीन ड्यूटी के लिए 5 गार्ड लगा दिए हैं। जिनमें एक गार्ड अस्पताल के अंदर और शेष 4 गार्ड अस्पताल के केम्पस में तैनात रहेंगे। अभी अस्पताल के करीब 6 से 7 गेट खुले रहते हैं, जिनसे रात को जानवर प्रवेश कर जाते थे, लेकिन अब शाम के एक गेट को छोड़कर गेट बंद करने और मॉनिटरिंग के पीएमओ ने रात्रिकालीन नर्सिंग अधिकारी को निर्देश दिए है।
पीएमओ ने बाल कल्याण समिति न्यायपीठ से मांगा एक दिन का समय
इधर, जिला अस्पताल में हुई इस हृदय विदारक घटना के बाद बाल कल्याण समिति न्यायपीठ के आदेश पर अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए के मौर्य समिति के समक्ष पेश हुए। इस दौरान उन्होंने घटना के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए एक दिन का न्यायपीठ से समय मांगा है। बाल कल्याण समिति न्यायपीठ सिरोही के अध्यक्ष रतन बाफना, सदस्य शशिकला मरडीया, प्रताप सिंह नून, उमाराम देवासी और प्रकाश माली ने अस्पताल में हुई इस घटना पर प्रसंज्ञान लेते हुए प्रथम दृष्टया जिला अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही मानते हुए पीएमओ को तलब कर रिपोर्ट मांगी थी।