बालिका आवासीय विद्यालय के पास दिखा अजगर जैसा मोटा सांप, मचा हडकम्प जानकारी के अनुसार बडगांव के देवली रोड निवासी उम्मेदराम वागाराम के रहवासी मकान में रात्रि करीब 11 बजे अजगर जैसा मोटा सांप दिखाई देने से हडकंप मच गया। जिसकी सूचना परिजनों ने पास ही स्थित कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की वार्डन चंदा सोनी को दी। जिस पर उन्होंने स्नेक लवर दिनेश यादव को सांप पकडऩे के लिए मौके पर बुलाया। यादव ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू करने की तैयारी की तो उन्हें सांप कुछ अलग तरह का नजर आने पर स्नेक लवर अशोक सोनी से संपर्क किया।
सोनी ने मौके पर पहुंच कर सांप की पहचान भारत के सबसे ख़तरनाक व अत्यंत विषैले सांप रसेल वाईपर के रुप में की और इसकी सूचना वनपाल जितेन्द्र मीणा भी दी तो वे भी मौके पर पहुंचे। बाद में इस सांप का सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर उसे पुर्नवास के लिए जंगल में छोड़ दिया।
ख़तरनाक व गुस्सैल सांप है रसेल वाईपर
स्नेक लवर सोनी ने बताया कि यह शिवगंज तहसील मे पहली बार नजर आया सबसे ख़तरनाक व गुस्सैल रसेल वाईपर सांप है। जिसकी लम्बाई करीब साढ़े चार फीट थी। इस अत्यंत विषैले सांप के काटने पर अधिकांश लोगों की मृत्यु हो जाती है।
अजगर की तरह दिखता है रसेल वाईपर
विषहीन सांप अजगर व कॉमन सेन्ड बुआ की तरह दिखाई देने से अधिकांश लोग इसकी पहचान करने में गलती कर बैठते है और इसके दंश का शिकार हो जाते है। सोनी ने बताया कि इसमें पॉवरफुल ह्युमोटाक्सिन नामक विष होने से अधिकांश पीडितों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। सोनी ने बताया कि इसे हिन्दी में चित्तीए दबोई व मराठी मे घोणस के नाम से भी जाना जाता है।
विषहीन सांप अजगर व कॉमन सेन्ड बुआ की तरह दिखाई देने से अधिकांश लोग इसकी पहचान करने में गलती कर बैठते है और इसके दंश का शिकार हो जाते है। सोनी ने बताया कि इसमें पॉवरफुल ह्युमोटाक्सिन नामक विष होने से अधिकांश पीडितों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। सोनी ने बताया कि इसे हिन्दी में चित्तीए दबोई व मराठी मे घोणस के नाम से भी जाना जाता है।