पत्रिका की खबर के बाद सच आया सामने विधायक समाराम गरासिया ने सरकारी अस्पताल के आवासों की मरम्मत को लेकर 2 वर्ष पूर्व जिला परिषद को पत्र लिखकर मरम्मत के लिए 10 लाख की स्वीकृति दी थी। लेकिन जब पत्रिका ने इस पूरे मामले पर पड़ताल की तो पत्र न तो जिला परिषद में मिला और न ही चिकित्सा विभाग के पास। उसको लेकर जब बुधवार को खबर प्रकाशित हुई तो विधायक बोले कि शायद पत्र भी गुमा दिया होगा। लेकिन अब जनहित में इस पर जितना भी बजट खर्च होगा वे देने के लिए तैयार है।
यह है पूरा मामला 20 मई 1900 में अंग्रेजी हुकूमत की ओर से राजस्थान के एकमात्र पर्यटन स्थल माउंट आबू में सरकारी अस्पताल के रूप में रखी गई नीव आज 122 वर्ष बाद अब जर्जर हालत में है। ऐसे में दूसरों की जिंदगी बचाने वाले चिकित्सा कर्मी खुद खतरे के साए में रहने और कार्य करने व सोने को मजबूर है।
एमएलए बोले 10 लाख से भी ज्यादा बजट देने को तैयार अस्पताल व सरकारी क्वार्टर की जर्जर हालत को लेकर जब विधायक समाराम गरासिया बताया कि उन्होंने सरकारी अस्पताल के क्वार्टर की हालत को लेकर अधिकारियों से बात की है और उन्हें जल्द तकमीना बनाकर पेश करने के लिए बोला गया है। विधायक ने कहा कि इन पर अगर 10 लाख के से भी ज्यादा का खर्च आएगा तो वह विधायक कोटे से देने के लिए तैयार है।
इनका कहनामौके का निरीक्षण किया गया। जल्द तकमीना तैयार कर लिया जाएगा। नक्शा तैयार कर पूरी रिपोर्ट बनाने के बाद ही पता चलेगा इस पर कितना खर्च आएगा। संजीव संचेती, ए ई एन, पीडब्ल्यूडी, माउंट आबू