विडम्बना है कि आवासों का 2020 में निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा है। इससे लोगों में आक्रोश है। इस योजना में आवास के लिए राशि जमा कराने वाले लोगों ने एकत्रित होकर नगर परिषद में आक्रोश जताया। इस दौरान लोगों ने नगर परिषद के बाहर जमकर नारेबाजी की तथा नगर परिषद सभापति को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया। लोगों ने कहा कि उनको मकान नहीं चाहिए, अब उनका पैसा ब्याज सहित लौटा दिया जाए।
लोगों ने ज्ञापन में बताया कि पूर्व भाजपा सरकार के समय 2015 में जन आवास योजना शुरू की थी। इसके तहत लोगों को किस्तों पर पैसा देने के बाद मकान मिल जाना चाहिए था, लेकिन आज तक उनको आवास नहीं मिले हैं। उनका कहना है कि गोयली रोड पर जन आवास योजना के फ्लैट का लॉटरी से आवंटन कर निर्माण शुरू किया गया, लेकिन 6 साल बाद भी अभी तक सभी फ्लैट अधूरे पड़े हैं। योजना के तहत बन रहे आवासों में अलग – अलग श्रेणियों में आवास है, जिसमें अधिकतर फ्लैट के प्लास्टर भी नहीं हुए तथा काम अभी तक नहीं किया गया है।
लोगों ने कहा कि ज्यादातर लोगों ने ब्याज पर पैसा लिया है, जिसके कारण उनको ब्याज चुकाना भारी पड़ रहा है। उनको न तो घर मिला और न ही पैसा मिल रहा है। पिछले कई सालों से बंद पड़े मुख्यमंत्री जन आवास योजना के काम को लेकर जिम्मेदारों ने मौन साध रखा है।