कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि युद्ध और कलह के वातावरण में विश्व समुदाय समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है। आज हमारा देश अपनी रक्षा के साथ पूरे विश्व में शांति के लिए प्रयास कर रहा है। भारत दुनिया में अग्रदूत की भूमिका निभा रहा है। माउंट आबू से शुरू हुआ ये अभियान सभी देशवासियों को सशक्त बनाने और समाज को सशक्त बनाने में संबल प्रदान करेगा। प्रत्येक मनुष्य मानसिक शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं, चाहे वो किसी देश, जाति, संप्रदाय के हों। शांति भी भोजन-पानी की तरह आवश्यक है। संस्थान इसी क्षेत्र में कार्य कर शांति-आनंद के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत इस समय जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, जिसकी थीम है वसुधैव कुटुम्बकम यानी वन अर्थ वन फैमिली, वन फ्यूचर। अपनी संस्कृति के आधार पर हमारा देश आध्यात्मिक व नैतिकता के निर्माण के लिए सक्रिय है।
ब्रह्माकुमारी संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, बीके करूणा, बीके मृत्युंजय, बीके सुषमा ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। संस्थान के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति का माला पहनाकर व स्मृति भेंटकर अभिनंदन किया।
इस दौरान राष्ट्रपति ने संस्थान के इंदौर में शक्ति सरोवर में ऑडिटोरियम का शिलान्यास किया एवं सिकंदराबाद में रिट्रीट सेंटर का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने संस्थान की पूर्व मुखिया दादी हृदयमोहिनी के अव्यक्तलोक पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
उदयपुर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार शाम 4.50 बजे विशेष विमान से मानपुर हवाई पट्टी पर पहुंची। इस दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, श्रम मंत्री सुखराम विश्नोई, सांसद देवजी पटेल, मुख्यमंत्री सलाहकार, विधायक संयम लोढ़ा, सम्भागीय आयुक्त कैलाशचंद्र मीणा व आईजी पी. रामजी ने स्वागत किया। जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल, एसपी ममता गुप्ता, रेवदर विधायक जगसीराम कोली, आबू पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया, नितिन बंसल, भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित, नगर मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र साम्बरिया समेत कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।