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सिरोही. औसत से कम बारिश और रसातल में पहुंचता भूजल... उस पर सिंचाई परियोजनाओं के दम तोड़ते हालात... सिरोही जिले के किसानों को सिर्फ इसी मोर्चे पर ही नहीं, राज्य प्रायोजित योजनाओं में गड़बड़ी से भी जूझना पड़ता है। उस पर तुर्रा यह कि पिछले दो-तीन साल से मंदी के जो हालात बने हैं, वह दिन-ब-दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार के आगामी बजट की ओर किसान टकटकी लगाए देख रहा है। उम्मीदें तो उसकी हर बार की तरह इस बार भी हिलोरें मार रही हैं, लेकिन एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और आपदाओं से नुकसान के समय पर मुआवजे को लेकर वह राज्य सरकार से आस जरूर बांधे है। राजस्थान पत्रिका टीम ने पोसालिया में किसानों से प्री बजट के बारे में चर्चा की तो विभिन्न मुद्दे व समस्याएं सामने आईं।
किसानों ने शीतलहर के चलते रात्रि में विद्युत आपूर्ति की बजाय दिन में देने, घोषित और अघोषित कटौती होने पर बकाया सप्लाई देने की बजट में घोषणा करने की मांग की ताकि अनियमित बारिश के दौरान फसलों को तैयार किया जा सके।
मौसम में बदलाव के कारण किसानों को पाले समेत अन्य समस्याओं से झूझना पड़ता है। ऐसी व्यवस्था शुरू की जाए ताकि समय पर फसलों में नुकसान का सर्वे करवाकर फसल बीमा योजना का लाभ मिल सके। इसके अलावा लावारिस पशुओं को गोशाला भेजने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। काश्तकार मुकनसिंह देवड़ा, देवीसिंह, उदयसिंह, कियाराम, बाबाराम, नवाराम, छोगाराम, गोमाराम, करमाराम, नैनाराम माली आदि किसानों ने चर्चा में भाग लिया।
Published on:
19 Jan 2020 10:26 am
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