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खेतों की ऊंची मेडबंदी से हो रहा है बरसाती पानी का भराव, डामर सड़क टूटने का खतरा बढ़ा

सोरड़ा-जेतावाड़ा-बांट सड़क के किनारे स्थित कृषि कुओं की करवाई जा रही है ऊंची मेडबंदी

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खेतों की ऊंची मेडबंदी से हो रहा है बरसाती पानी का भराव, डामर सड़क टूटने का खतरा बढ़ा

खेतों की ऊंची मेडबंदी से हो रहा है बरसाती पानी का भराव, डामर सड़क टूटने का खतरा बढ़ा

मंडार. सड़क से सटे कृषि कुओं के किसानों ने सड़क की ओर खड़े हरे पेड़ों को काटने, तारबंदी करने तथा सड़क का पानी पटरी पर उतर कर खेत में नहीं आए इसके लिए सड़क की तरफ मिट्टी डालकर ऊंची मेडबंदी करने से डामर की सडक को खतरा पैदा हो गया है। दरअसल किसान यह सारी कवायद कुओं पर तारबंदी व मेडबंदी करवाने पर सरकार की ओर से मुहैया करवाई जाने वाली सब्सिडी लेने के लिए की जा रही है। सड़क पर चलते वाहनों में सवार लोगों को कृषि कुओं की जमीन व फसलें साफ व स्पष्ट दिखाई दें, यह भी किसानों का एक मकसद है। मेडबंदी करवाने के बहाने हरे पेड़ों को कुल्हाड़ी से काटना भी यहां आम बात हो गई है। अब हो यह रहा है कि सड़क के किनारे ऊंची मेडबंदी करवाने से बारिश का पानी या तो पटरी पर या पटरी के पास जमा होता है। पानी जमा रहने से डामर सड़क उखड़ने, क्षतिग्रस्त होने व टूटने का खतरा बढ़ने लगा है। वैसे होना तो यह चाहिए कि किसान मेड या लोर पर पेड़-पौधे लगाएं, पर यहां उल्टा हो रहा है। पेड़-पौधे लगाने की बजाय पहले से खड़े हरे पेड़ों को भी काटा जा रहा है। सोरड़ा-जेतावाड़ा-बांट सड़क के किनारे स्थित दर्जनों कृषि कुओं के किसानों ने सड़क की साइड में मिट्टी डलवाकर ऊंची पाल यानी मेडबंदी करवा दी है। जिससे डामर की पक्की सड़क फिर से या क्षतिग्रस्त होने लगी है या टूटने लगी है। जेतावाड़ा निवासी भगाराम ने बताया कि ऊंची पाल बनाने से सभी का नुकसान है। प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

मंडार. सडक किनारे खेत पर की गई उंची मेडबंदी।