सीतापुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक हजार व पांच सौ की नोट को बंद कर कालेधन पर अंकुश लगाने का कार्य किया है। यदि वास्तव में पांच व हजार की नोट की तरह कालेधन को बाहर करना चाहते है, तो सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, विधायक, सांसदों, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्षों, नगर पंचायत अध्यक्षों, ग्राम प्रधान आदि समस्त पदों पर तैनात व्यक्तियों की आय के स्रोतों का पता लगाते हुए आय से अधिक सम्पत्ति होने पर उनकी जमीन जब्त कर ली जाए और गरीबों को दी जाए।
यह बात राष्ट्रीय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विकास परिषद की मासिक बैठक डाॅ0 अम्बेडकर पार्क में परिषद के अध्यक्ष राजेश कुमार सिद्धार्थ ने लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जिनके पक्के मकान बने हुए हैं और आवास सूची में नाम दर्ज है, उनके नाम हटाये जाएं तथा झुग्गी-झोपड़ी, खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वाले परिजनों को आवास दिया जाए। मैं प्रधानमंत्री से यह भी मांग करता हॅू कि यदि गरीब की बात करते है, तो सामान्य शिक्षा नीति व्यवस्था लागू की जाए और जो दोहरी नीति शिक्षा व्यवस्था है, उसे समाप्त किया जाए।
इसी प्रकार गांव में विद्युतीकरण एक व्यापक स्तर पर किया जाए। पीड़ितों की रिपोर्ट न दर्ज करने व पीड़ितों को इन्साफ न देने तथा अपराधियों व गुण्डों को सरक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए। इस प्रकार प्रधानमंत्री प्रत्येक व्यक्ति की एक निश्चित संचय सीमा निर्धारित करे और उससे अधिक होने पर सरकार उसे जब्त कर गरीबों को प्रदान करें।
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