
अपनी बेटियों का सपोर्ट सिस्टम बनें, मंजिल वे खुद तय कर लेंगी
आधी आबादी यानी महिलाओं की सोच को अखबार में उतारने के लिए पत्रिका की पहल संडे वुमन गेस्ट एडिटर के तहत आज की गेस्ट एडिटर रुजुता दिवेकर हैं। आप सेलिब्रिटी पोषण विशेषज्ञ और लेखिका हैं। आपको एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेस्ट्रोएंटरोलॉजी की ओर से 'न्यूट्रिशन अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया है। आप करीना कपूर, आलिया भट्ट जैसी अभिनेत्रियों की न्यूट्रिशनिस्ट रही हैं। आप मानती हैं कि महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित कर सकती हैं। हर लड़की अपने सपनों को पूरा कर सकती है, बस उसे परिवार का थोड़ा समर्थन चाहिए। अपनी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उनका सपोर्ट सिस्टम बनें। उन्हें अपने बुनियादी अधिकारों से वंचित न करें। अच्छी शिक्षा के साथ हर महिला को पौष्टिक भोजन का अधिकार भी है। महिलाओं को समान अवसर मिलेंगे तभी तो वे अपनी सफलता की कहानी खुद लिख पाएंगी।
आकाश मिश्रा
जगदलपुर. भारतीय वन सेवा की अधिकारी दिव्या गौतम लंबे समय से बस्तर के वन और वनवासियों के बीच काम कर रही हैं। जब वे कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में निदेशक थीं तो उन्होंने देखा कि उद्यान क्षेत्र के वन ग्रामों में रहने वाले बालक-बालिकाओं में कुपोषण की समस्या है। ऐसे में दिव्या ने बस्तर की सामाजिक संस्था चरामेती के साथ काम करना शुरू किया और वनवासियों तक पोषण आहार पहुंचाने की दिशा में पहल की।
संजय राठौर
जांजगीर. गल्र्स कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. हरप्रीत कौर अरोरा इन दिनों महिला जागरूकता व कुपोषण दूर करने को लेकर बड़ा अभियान चला रहीं। जाज्वल्य गल्र्स कॉलेज की 800 छात्राओं को अब तक महिला जागरूकता अभियान से जोड़ चुकी हैं। साथ ही पड़ोस के ग्राम भडेसर व बनारी को गोद लेकर कुपोषण से मुक्त करने बीड़ा उठाया है। डॉ. अरोरा बतातीं हैं कि गांव की महिलाएं इन दिनों एनिमिया की मरीज हैं। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी में कैम्प लगाया जाता है जहां माताओं को कुपोषण के बारे में जानकारी दी जाती है।
नेहा सेन
जबलपुर. पोषण पर हर किसी का अधिकार है। सम्पन्न घरों में यह कमी आसानी से पूरी हो जाती हे, लेकिन निचले तबकों में अब भी इसकी जरूरत है। इस बात को ध्यान में रखते मैंने साल २०१७ में दर्पण रोटी बैंक की स्थापना की। यह कहना है प्रिंसी सिंघई का। उन्होंने बताया उनकी इस संस्था का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराना व इसके बारे में जागरूक करना है। इस संस्था का नाम दर्पण इसलिए रखा कि सभी को भोजन मिले पर इस बात पर वह विशेष अमल करती हैं।
Published on:
08 Mar 2024 05:39 pm
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