इस शोध को अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा और इज़राइल के मरीजों पर किया गया और इसके नतीजे शिकागो में ‘अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी’ (Asco) की वार्षिक बैठक में पेश किए गए। साथ ही यह प्रतिष्ठित ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में भी प्रकाशित हुआ।
दवाओं से बेहतर है व्यायाम Asco की प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जूली ग्रालो ने कहा कि ये निष्कर्ष अब तक की सबसे मजबूत वैज्ञानिक पुष्टि है, जो दिखाते हैं कि इलाज के दौरान और बाद में शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना कितना ज़रूरी है।
उन्होंने कहा, “हमने इस सत्र को ‘As Good as a Drug’ नाम दिया था, लेकिन इसे ‘Better than a Drug’ कहना ज़्यादा सही होगा, क्योंकि इसमें दवाओं जैसे साइड इफेक्ट्स नहीं होते।” कैसे हुआ यह शोध?
इस अध्ययन में 2009 से 2023 के बीच 889 कोलन (बड़ी आंत) कैंसर के मरीजों को शामिल किया गया। इनमें से 90% मरीज स्टेज-3 के थे। इन्हें दो समूहों में बांटा गया:
- एक समूह को एक संरचित व्यायाम योजना दी गई, जिसमें उन्हें एक पर्सनल ट्रेनर के साथ दो महीने तक व्यायाम सत्र करने को कहा गया। फिर यह सत्र महीने में एक बार हुए। कुल अवधि: 3 साल।
- दूसरे समूह को सिर्फ एक हेल्दी लाइफस्टाइल की जानकारी दी गई।
व्यायाम करने वाले मरीजों को हर हफ्ते लगभग तीन से चार बार 45 से 60 मिनट की सैर के बराबर गतिविधि करने को कहा गया। कुछ मरीजों ने तैराकी, कयाकिंग या स्कीइंग जैसे दूसरे व्यायाम भी चुने।
5 और 8 साल बाद के परिणाम: - 5 साल में व्यायाम समूह के मरीजों में 28% कम कैंसर की पुनरावृत्ति या नया कैंसर देखा गया।
- 8 साल में मौत का खतरा 37% तक कम हो गया।
डॉक्टरों की राय: शोध के प्रमुख लेखक डॉ. क्रिस्टोफर बूथ (कनाडा) ने कहा, “कई मरीज हमसे पूछते हैं कि इलाज के अलावा वो और क्या कर सकते हैं। अब हमारे पास स्पष्ट जवाब है – नियमित व्यायाम करें।”
कैंसर रिसर्च यूके के मुख्य चिकित्सक प्रोफेसर चार्ल्स स्वॉन्टन ने कहा, “दवा न होते हुए भी व्यायाम में मरीजों की सेहत सुधारने की अद्भुत शक्ति है।” हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि हर मरीज के लिए व्यायाम उपयुक्त नहीं होता, इसलिए किसी भी नई गतिविधि से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
दूसरे कैंसरों पर भी असर संभव हालांकि यह शोध केवल कोलन कैंसर के मरीजों पर हुआ, डॉक्टरों का मानना है कि इसके सकारात्मक प्रभाव ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर सहित अन्य कैंसरों पर भी हो सकते हैं। भविष्य में अन्य कैंसरों पर भी ऐसे अध्ययन किए जाएंगे।