ग्रेटर नगर निगम सीमा क्षेत्र में लाइट और सफाई की व्यवस्था भगवान भरोसे है। दिवाली से पहले निगम आचार संहिता की वजह से नई लाइटें नहीं लगवा पा रहा है और खराब लाइटों को सही करवाने में भी असमर्थ है। सड़क पर कचरे के ढेर लगे रहते हैं। ऐसे हालातों में दिवाली पर लक्ष्मी जी का गृह प्रवेश कैसे होगा?
दरअसल, स्ट्रीट लाइट लगाने वाली कम्पनी ईईएसएल और ग्रेटर नगर निगम के विवाद में जनता परेशान हो रही है। निगम सीमा क्षेत्र में 2375 और सम्पर्क पोर्टल पर 67 शिकायतें लम्बित हैं। इसमें से करीब 1400 से अधिक शिकायतें ईईएसएल कम्पनी की लाइटों की हैं।
जोन में शिकायतों का ये हाल
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मानसरोवर |
639 |
| झोटवाड़ा | 536 |
| मुरलीपुरा | 349 |
| विद्याधर नगर | 335 |
| जगतपुरा | 212 |
| सांगानेर | 177 |
| मालवीय नगर | 127 |
पार्षद बाले: मेंटीनेंस बंद तो आयुक्त ने कहा… मुझे जानकारी नहीं
विद्याधर नगर और मुरलीपुरा जोन के पार्षदों ने मंगलवार को आयुक्त बाबूलाल गोयल से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया। पार्षदों ने कहा कि लाइटों का मेंटीनेंस बंद हो चुका है। इस बार आयुक्त ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। पार्षद मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि कई जगह चार माह से लाइटें नहीं जल रहीं हैं। अधिकारी सुनते नहीं हैं। स्थिति को भांपते हुए आयुक्त ने विद्युत शाखा के अभियंताओं को मौके पर बुलाया।
पार्षद: वार्डों में लाइटें नहीं जल रहीं हैं। लोग परेशान हो रहे हैं।
प्रमोद खींची: जो कंपनी रखरखाव का काम करती है, उसने काम बंद कर दिया है। नए टेंडर के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
पार्षद: वहां से तो अनुमति मिलेगी नहीं। फिर वार्ड अंधेरे में रहेंगे।
-बैठक को खत्म करने के लिए आयुक्त सीट से खड़े हुए और दोनों अभियंताओं से अगले तीन दिन में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को कहा।
ये है विवाद
-वर्ष 2016 में ईईएसएल से डीएलबी ने 191 नगरीय निकायों में स्ट्रीट लाइट लगवाने का एमओयू किया। करीब दो वर्ष से कम्पनी को भुगतान नहीं हुआ। ऐसे में कम्पनी ने नई लाइटें लगाना और रखरखाव भी करना बंद कर दिया। पिछले डेढ़ दो माह से जो लाइट बंद हो रही है, वो सही नहीं हो रही है।
-इसके बाद निगम ने लाइटों के रखरखाव का टेंडर किया। लेकिन ईईएसएल ने इस प्रक्रिया पर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया और कम्पनी को यथास्थिति के आदेश मिल गए।
अधिकारी नहीं सुन रहे
लाइटों का रखरखाव हो नहीं रहा है। तीन दिन में लाइटें सही नहीं हुईं तो लोगों के साथ निगम में धरना देंगे और यहां पर भी रोशनी नहीं होने देंगे। आचार संहिता लगने से पहले लाइट संबंधी टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए अधिकारियों से कहा था। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं।
-रश्मि सैनी, अध्यक्ष, विद्युत शाखा-ए