बर्खास्त करने की वजह
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने उवे को कोच पद से हटाए जाने की वजह बताते हुए कहा कि महासंघ उवे के प्रदर्शन से खुश नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही दो नए विदेशी कोचों की नियुक्ति की जाएगी। 59 वर्षीय जर्मनी के खिलाड़ी उवे एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जो 100 मीटर से अधिक तक भाला फेंक सकते हैं। वर्ष 2018 में जब नीरज चोपड़ा ने एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता था तो उवे ही उनके कोच थे।
कोच और खिलाड़ियों के प्रदर्शन का किया गया रिव्यू
एएफआई के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने बताया कि 2 दिवसीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में कोच और खिलाड़ियों के प्रदर्शन का रिव्यू किया गया। इस रिव्यू के बाद उवे को हटाने का फैसला लिया गया। हालांकि टोक्यो ओलंपिक में नीरज को कोचिंग देने वाले जर्मनी के ही बायोमैकेनिकल एक्सपर्ट क्लॉस बार्टोनीज अपने पद पर बरकरार रहेंगे। इसके साथ ही सुमरिवाला ने जानकारी देते हुए बताया कि दो नए कोच की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि महासंघ उवे हॉन के प्रदर्शन से खुश नहीं है।
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खिलाड़ी भी नहीं करना चाहते उवे के साथ ट्रेनिंग
इसके अलावा एएफआई प्लानिंग कमिशन चीफ ललित के भानोट ने कहा कि नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह और अन्नु रानी जैसे जैवलिन थ्रोअर भी उवे के साथ ट्रेनिंग नहीं करना चाहते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि अच्छा कोच मिलना आसान नहीं है, लेकिन अच्छे कोच के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा सुमरिवाला ने यह भी जानकारी दी कि गोला फेंक के एथलीट तेजिंदरपाल सिंह तूर के लिए भी विदेशी कोच की तलाश की जा रही है।