टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट से मुलाकात के दौरान जब पीएम मोदी भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से मिले तो उन्होंने एक सवाल पूछा। पीएम मोदी ने गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा से पूछा कि जब तुमने दूसरी बार अपना भाला फेंका तो तुम विक्ट्री के मोड में आ गए और एक दम तुम जीत सेलिब्रेट करने लगे। इसके पीछे बहुत बड़ा कॉन्फिडेंस होता है, पूरी जान लगानी पड़ती है, यह सब कैसे संभव हुआ?
प्रधानमंत्री मोदी के इस सवाल पर नीरज चोपड़ा ने जवाब देते हुए कहा कि वह इतने वर्षों से ट्रेनिंग कर रहे हैं और बेस्ट थ्रो के बारे में प्रयास से पता चल जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रेनिेंग से कॉन्फिडेंस भी आता है। इसके बाद पीएम मोदी ने आगे कहा कि तुम्हें इतना पता था कि तुम 85 मीटर फेंकोगे या 86 मीटर फेंकोगे लेकिन तुम्हें औरों का पता नहीं था कि 90 मीटर जाएगा 88 मीटर जाएगा।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने नीरज चोपड़ा की तारीफ भी की। उन्होंने नीरज से कहा कि उन्होंने देखा है कि विजय नीरज के सर पर नहीं चढ़ती है और दूसरी चीज पराजय उनके मन में नहीं बैठती। पीएम ने कहा कि दोनों चीजें ही बहुत बड़ी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जितनी बार भी नीरज से बात की तो उन्होंने उनमें बैलेंसिंग चीजें देखी हैं।
नीरज चोपड़ा ने पीएम मोदी से कहा कि हमें अपना बेस्ट देना होता है, फाइनल में 12 लोग होते हैं, लेकिन उन एथलीटों के बीच में उन्हें अपने आपको फोकस करना होता है। साथ ही नीरज ने कहा कि वह कोशिश करते हैं कि दूसरे की फरफॉर्मेंस पर ध्यान न देकर खुद की परफॉर्मेंस कैसे अच्छी करनी है उस पर फोकस करते हैं। नीरज ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। इसमें नीरज ने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का थ्रो किया था, जिसके आधार पर उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। इसके साथ ही नीरज ट्रैंक एंड फील्ड स्पर्धा में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने।