टीटीएफआई महासचिव अरूण कुमार बनर्जी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि यह अनुशासनहीनता है। साथ ही उन्होंने कहा कि मनिका को अपने मैचों के दौरान राष्ट्रीय कोच को कोर्ट के पास बैठने की अनुमति देनी चाहिए थी। अरूण कुमार का कहना है कि रॉय भारत के बेस्ट खिलाड़ियों में से है और अब जाने माने कोच हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कार्यकारी बोर्ड की आनलाइन बैठक जल्दी ही होगी और इसमें मनिका के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा।
राष्ट्रीय शिविरों में सभी भारतीय खिलाड़ियों की मौजूदगी अनिवार्य होगी। मनिका ने सिर्फ तीन दिन सोनीपत में शिविर में भाग लिया जबकि शिविर तीन सप्ताह तक चला। जी साथियान भी निजी कोच के साथ अभ्यास करते हैं लेकिन दूसरे दौर के उनके मुकाबले के समय रॉय उनके साथ थे।
वहीं तीसरे दौर में हारने के बाद मनिका बत्रा ने कोच विवाद पर कहा कि सबको को कोई न कोई चाहिए होता है पीछे से सपोर्ट करने के लिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इतने बड़े इवेंट में मानसिक रूप से मजबूत रखने और सलाह देने के लिए कोच का रहना जरूरी होता है। उनका कहना है कि उन्होंने कोच को अनुमति देने के लिए पहले अनुरोध किया था। साथ ही उन्होंने कहा कि वह मानसिक रूप से मजबूत हैं और उन्होंने अपना बेस्ट दिया।