यहां स्ट्रीट वेंडर्स रहने लगे ऊंचती
इस सिविल लाइन्स में कई ऐसे क्वार्टर हैँ जहां स्ट्रीट वेंडर्स भी अपना ठिकाना बनाए हुए थे। इन ऊंचती तरीके रहने वाले दस क्वार्टरों को पहली प्राथमिकता से हटाया गया। ऐसे लोगों का सामान बाहर निकालकर संबंधित क्वार्टर पर ताले जड़कर कब्जा प्रशासन के हाथ में लिया गया। इसी सिविल लाइन्स में कई सेवानिवृत्त कार्मिक और अधिकारियेां के नाम पर उनके रिश्तेदारों ने मामूली किराये से यहां ठिकाना बना लिया हैं। ऐसे लोगों को अब हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई हैँ।
फ्री बिजली-पानी की सुविधा
उपखंड अधिकारी ने बताया कि कई काबिज लोग फ्री में सरकारी बिजली और पानी की सुविधा भी उठा रहे हैं। ऐसे लोगों के आवास की बिजली-पानी की सुविधा हटाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं खडंहर में तब्दील होने के बावजूद वहां कब्जा जमाए बैठे लोगेां को हटाने की प्रक्रिया अपनाई गई है। कई खंडहर हो चुके क्वार्टरों में नशेडियों ने अपना ठिकाना बना लिया हैं, ऐसे क्वार्टरों को अब साफ कराने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
यहां 22 साल पहले सर्वे के बाद हटाए नहीं कब्जाधारक
वाटर वर्क्स कॉलोनी में सात अधिकारियों और करीब चार सौ कार्मिकों के लिए सरकारी आवास बने हुए हैँ। इनमें से अधिकांश क्वार्टरों में अपात्र लोग कब्जा जमाए हुए हैँ। करीब बाइस साल पहले नगर परिषद प्रशासन ने सर्वे भी कराया था। वहीं पूर्व पार्षद पवन गौड़ और संजय बिश्नोई आदि की ओर से जिला प्रशासन की जनसुनवाई में इन क्वार्टरों से कब्जा मुक्त कराने की गुहार भी लगाई थी लेकिन हर जन सुनवाई में यह मामला उठता जरूर लेकिन कब्जा हटाने की कवायद सिरे नहीं चढ़ पाई। आधी अधूरी कार्रवाई कर जिला प्रशासन तक रिपोर्ट दी गई, ऐसे में वहां कब्जेधारकों के हौसले बढ़ गए। इधर, शास्त्री बस्ती में सिंचाई विभाग के सरकारी क्वार्टर में अब भी कई लोग काबिज है जबकि सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से इन क्वार्टरों को अनसेफ करार कर चुकी है।