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श्री गंगानगर

SriGanganagar कलक्टर ने मांगी तीन दिन की मोहलत, नगर परिषद में स्थायी आयुक्त लगाने की मांग बरकरार

Collector asked for three days’ extension, the demand for permanent commissioner in the city council remained intact- पार्षदों के धरना लगाने से पहले ही कलक्टर ने दिखाया समाधान का रास्ता

श्री गंगानगरAug 17, 2022 / 01:45 pm

surender ojha

SriGanganagar कलक्टर ने मांगी तीन दिन की मोहलत, नगर परिषद में स्थायी आयुक्त लगाने की मांग बरकरार

SriGanganagar कलक्टर ने मांगी तीन दिन की मोहलत, नगर परिषद में स्थायी आयुक्त लगाने की मांग बरकरार

Collector asked for three days’ extension, the demand for permanent commissioner in the city council remained intact
श्रीगंगानगर. नगर परिषद में स्थायी आयुक्त लगाने की मांग को लेकर शहर के पार्षदों ने राजनीतिक दलों की लकीरें समाप्त कर कलक्ट्रेट परिसर में धरना लगाने पहुंचे तो जिला प्रशासन में खलबली मच गई। इन पार्षदों ने धरना लगाने से पहले अंतिम ज्ञापन जिला कलक्टर को दिया तो कलक्टर ने पार्षदों के तीखे तेवरों को भांपते हुए तीन दिन की मोहलत मांग ली। कलक्टर का कहना था कि महज तीन दिन में नगर परिषद में स्थायी आयुक्त लगाने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। धरना देने से पहले पार्षदों की मांगें पूरी होने पर पार्षदाें ने इसे अपनी एकता की जीत बताया है। लामबंद हुए इन पार्षदों का कहना था कि शहरहित में करीब एक महीने से स्थायी आयुक्त नहीं होने के कारण कामकाज बुरी तरह प्रभावित पड़ा है। वहीं फरियादी नगर परिषद में चक्कर काटने को मजबूर है।
इससे पहले कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एडीएम प्रशासन को सौंपा। इन पार्षदों का कहना था कि पिछले तीन माह से आयुक्त का पद कार्यवाहक पर चल रहा है। इस कारण नगर परिषद में तालेबंदी की नौबत आ गई है। हालांकि पन्द्रह जुलाई को इलाके में अतिवृष्टि से शहर बरसाती पानी से लबालब हो गया तो नगर परिषद की टीमों ने पानी निकासी की व्यवस्था की लेकिन जिला प्रशासन ने प्रशासन शहरों के संग अभियान का हवाला देकर विश्वास गोदारा को आयुक्त को चार्ज वापस लेकर एसडीएम मनोज मीणा को कार्यवाहक आयुक्त लगा दिया।
लेकिन मीणा के पास पहले से ही एसडीएम श्रीगंगानगर के अलावा सादुलशहर एसडीएम का अतिरिक्त चार्ज है, ऐसे में वे एक ही समय में तीन जगहों को काम नहीं देख सकते। लेकिन जिला प्रशासन ने नगर परिषद और शहरहित की बजाय मनमर्जी की। इस कारण लोगों के काम नहीं हो रहे हैं। यहां तक कि जनसमस्याओं को हल कराने के लिए भी आयुक्त की कुर्सी पर अफसर नहीं आने से लोग भटकने को मजबूर हैं। इससे नगर परिषद की छवि धूमिल हो रही है।
श्श्रमिक नेता महेन्द्र बागड़ी ने बताया कि अब किसी भी सूरत में मांगों की अनदेखी नहीं की जाएगी। राजनीतिक दलगत से ऊपर उठकर शहरहित में काम करने का समय आ गया है। पार्षदों ने एक दूसरे से मनमुटाव की बातों को भूलाकर शहर हित में काम करने के लिए सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है। इस मौके पर पार्षद बंटी वाल्मीकि, अशोक मुंजराल, प्रियंक भाटी,जगदीश घोड़ेला,पवन माटा, कमल नारंग, संजय बिश्नोई, डा.बबीता गौड़, पवन गौड़, हरविन्द्र सिंह पांडे, अमित चलाना, उपसभापति लोकेश मनचंदा, बाबूलाल निर्वाण, रामगेापाल यादव, मनीराम स्वामी, अमरजीत सिंह गिल, पवन जोग आदि मौजूद थे। इधर, बागड़ी की अगुवाई में पार्षदों ने गुरुवार को सर्वदलीय संगठनों की ओर से जालौर कांड को लेकर बाजार बंद करने का निर्णय लिया। वहीं बीस अगस्त तो सादुलशहर में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव पारित किया।
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