सबकुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक जवाहरनगर सेक्टर एक से आठ तक, नेहरा नगर, पूजा कॉलोनी, गणपति नगर, राणा प्रताप कॉलोनी, लक्ष्मीनगर, अग्रसेनगर प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण कॉलोनी, जिन्दल कॉलोनी, जोगेन्द्र कॉलोनी, संजय कॉलोनी, जाखड़ कॉलोनी, फ्रेंडस कॉलोनी, मॉडल कॉलोनी, तिलक नगर, मॉडल टाउन में डोर टू डोर सीवर कनेक्शन हो जाएंगे। प्रथम चरण में सीवर बिछाने का ठेका यूईएम कंपनी को अधिकृत किया गया, इस कंपनी ने करीब तीस किमी लंबी लाइन बिछाई दी थी, इन इन लाइन को डोर टू डोर सीवर कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए नगर परिषद प्रशासन ने करीब डेढ़ करोड़ बजट खर्च कर रहा है। जवाहरनगर सेक्टर सात और आठ में सीवर कनेक्शन काम अंतिम चरण में है। परिषद अधिकारियों का दावा है कि 14 कॉलोनियों में अगले दो महीनों में यह काम पूरा हो जाएगा।
इसलिए नगर परिषद को बनाया नोडल एजेंसी
सीवरेज प्रोजेक्ट के प्रथम चरण वर्ष 2015 में पूरा होना था लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने और सीवर खुदाई में गुणवत्ता को लेकर आए दिन होने वाले हंगामे को देखते हुए यह काम बार-बार रोकना पड़ा। एेसे में दो साल का अधिक समय लगा। ठेका कंपनी से डोर टू डोर कनेक्शन का काम का अनुबंध नहीं किया गया था। लेकिन अब राज्य सरकार के आदेश पर यह काम पूरा करवाया जा रहा है, इसके लिए नगर परिषद को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
यह सारा बजट सरकार की ओर से दिया जा रहा है। इस कार्य की हर माह प्रगति रिपोर्ट सीधे जिला कलक्टर के पास पहुंच रही है, कनैक्शन ठेका फर्मो के संचालकों का कहना है कि यह काम तेज गति से पूरा करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। दूसरे चरण में सीवरेज प्रोजेक्ट का ठेका एल एंड टी कंपनी को अधिकृत कर रखा है, यह कंपनी भी सीवर लाइन बिछाने के उपरांत डोर टू डोर कनैक्शन का काम खुद करेगी। इन कनैक्शन के एवज में पहले ही ठेका बजट में राशि समायोजित की जा चुकी है।
यह सही है कि सीवर कनेक्शन अब नगर परिषद प्रशासन की ओर से करवाया जा रहा है। लेकिन जैसे ही यह सीवरेज की प्रक्रिया शुरू होगी तो कनेक्शन राशि और हर माह पानी निकासी के लिए संबंधित मकान मालिक को राशि चुकानी होगी। इस राशि की वसूली पानी बिल के साथ की जाएगी। डोर टू डोर कनेक्शन होने से नालियों से पानी निकासी की समस्या समाप्त हो जाएगा।
– सुनीता चौधरी, आयुक्त नगर परिषद