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नकली बीज बनाने का खेल पकडा: श्रीगंगानगर में कृ​षि मंत्री ने खुद किया डिकॉय ऑपरेशन, दो फैक्ट्री सीज

- रीको की जयपुर से आए कृ​षि विभाग के अफसरों की टीम ने की चैकिंग, लोकल टीम को भनक तक नहीं लगी

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श्रीगंगानगर. इलाके में लंबे से नकली बीज के खेल का खुलासा प्रदेश के कृ​​षि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने खुद किया है। मंगलवार सुबह मंत्री मीणा कृ​​षि विभाग के आला अफसरों के साथ जिला मुख्यालय पर दो फैक्ट्री पर पहुंचे। मंत्री के इस डिकॉय ऑपरेशन से रीको मे फैक्ट्री मालिकों और संचालकों में खलबली मच गई। इस रीको में जय शंकर सीड़स और श​क्ति सीड्स फर्मो की इन फैक्ट्री में गेहूं, बाजारा, ज्वार, मक्की, जौ, चावल और कपास के बीज तैयार किए जा रहे थे। इन बीजों की अच्छी क्वालिटी दर्शाने के लिए वहां रंग लगाने का प्लांट भी लगा हुआ था। मंत्री ने बताया कि बीजों के भंडारण में अ​धिकांशकटटो पर पर्ची अंकित की हुई थी, कई एक्सपायर डेट की मिली। अच्छी क्वालिटी के दावे सिर्फ कागजों में मिले। दोनों फैक्ट्री में कृ​​षिजिन्सों के बीजों को चमकदार बनने के लिए कई केमिकल्स की बाल्टी, कैन और बोतलें भी बरामद की है। बीजों को सूखाने और देखने में चमकदार के लिए बाॅयलर का जुगाड़ भी मिला। इसके अलावा पड़ौसी पंजाब में सरकारी एजेंसी के खाली कटटे भी बरामद किए गए है। इन कटटों में गेहूं का बीज भरकर किसानों को बेचने के लिए तैयार किया जा रहा था। पंजाब में नकली बीज की सप्लाई भी इसी फैक्ट्री से की जा रही थी। मंगलवार सुबह दस बजे पहुंचे मंत्री की अगुवाई में इस संयुक्त जांच दल ने दोपहर बारह बजे तक औचक निरीक्षण कर नकली बीज के इस खेल का पर्दाफाश किया है।

उत्तर भारत में दोनां कंपनियों के बीज अ​धिक बिक रहे

रीको में इन दोनोें कंपनियों की इन फैक्ट्री में नकली और गुणवत्ताहीन बीज को तैयार किया जा रहा था। कागजों में कृ​षि विभाग ने इन दोनों फैक्ट्री में बीजों को प्रमाणीकरण करने की अनुमति भी दे रखी है। लेकिन इसकी आड़ में नकली बीज का कारोबार हो रहा था। इन फैक्ट्री से तैयार हुआ यह बीज पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रदेशों में भेजा जाता है। लंबे समय से इन दोनों कंपनियों के संचालकोे ने इस कारोबार से मोटी कमाई कर रियल एस्टेट में भी निवेश किया है। इन दोनों कंपनियों के कई भागीदाराें ने प्राइवेट कॉलोनियां और प्राइवेट मार्केट का निर्माण भी किया हुआ है।

फ्रोजन मटर का बड़ा खेल
रेडीेमेँड फ्रोजन मटर बनाने की प्रक्रिया इन फैक्ट्री में चल रही थी। 250 ग्राम से लेकर एक ​क्विंटल की अलग अलग पैकिंग में यह फ्रोजन मटर मटर की सब्जी को श्रीगंगानगर के अलावा हनुमनगढ़, चूरू, बीकानेर, जयपुर सहित राजस्थान के चुनिंदा जिलों के अलावा पड़ौसी पंजाब और हरियाणा में भी बेची जा रही थी। फ्रोजन मटर के बिजनस से भी फैक्ट्री और कंपनी संचालक अच्छा मुनाफा कमा रहे है। इन फैक्ट्री में फ्रोजन मटर की पैकिंग के कटटों को बाहर ​भिजवाने के लिए वहां लदी ट्रॉलियों केा भी सीज किय गया है। मंत्री मीणा ने बताया कि यह फ्रोजन मटर खाने में भले ही स्वाद हो लेकिन इसके साइड इफ़ैक्ट काफी ज्यादा है।

लोकल में अफसरों ने बना डाली थी दुकानदारी

​कृ​​षि विभाग श्रीगंगानगर के लोकल अफसरों ने इन फैक्ट्री में नकली बीज के तैयार होने के बावजूद अपनी ओर से कभी जांच नहीं की। मंत्री मीणा के इस डिकॉय ऑपरेशन ने लोकल अफसरों की दुकानदारी की पोल खोल दी है। मंत्री मीणा ने बताया कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में लंबे समय से अंगद की पांव की तरह जमे अफसरों पर भी अब एक्शन किया जाएगा। मीणा की नकली और मिलावट बीजों के बड़ेव्यवसासियों पर हुई इस स्ट्राइक से इलाके में यह खेल के जिम्मेदारों पर एक्शन होने की उम्मीद जागी है।