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कोहरा बरसा मावठ की तरह, फसलों के लिए फायदेमंद

नव वर्ष पर जिले में सूर्य देव के दर्शन नहीं होने से लोगों को बिना दर्शन किए जल का अघ्र्य देना पड़ा। सुबह कोहरा इतना घना था कि दृश्यता पचास मीटर से भी कम रही।

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Fog like Barsa Mawath, beneficial for crops

सूरतगढ़. तहसील के गांव सिद्धूवाला में कोहरे की मावठ से तरबतर गेहूं की फसल।

श्रीगंगानगर. नव वर्ष पर जिले में सूर्य देव के दर्शन नहीं होने से लोगों को बिना दर्शन किए जल का अघ्र्य देना पड़ा। सुबह कोहरा इतना घना था कि दृश्यता पचास मीटर से भी कम रही। इससे चालकों को अपने वाहन लाइट जला कर और धीमी गति से चलाने पड़े। ग्रामीण क्षेत्रों से मिले समाचारों के अनुसार कोहरा सुबह आठ बजे तक मावठ की तरह बरसता रहा, जिससे खेतों में खड़ी फसलें तर हो गई। किसानों ने कोहरे से फसलों को मावठ जैसा फायदा होने की बात कही है।
बीते साल की अंतिम रात काफी सर्द रही। इसके बावजूद नववर्ष के आयोजन आधी रात तक चले। सुबह-सवेरे काम में जुटने वालों को घने कोहरे का सामना करना पड़ा। सब्जी मंडी में सब्जी लेकर आने वाले किसानों ने बताया कि कोहरे के कारण खेत से सब्जी मंडी तक आने में डेढ़ा समय लगा। कड़ाके की ठंड से भी परेशानी हुई। इन किसानों का कहना था कि कोहरे से फसलों को एक ङ्क्षसचाई जितना फायदा हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार जिले में ठंड और कोहरे का दौर कई दिन चलेगा। चार जनवरी की रात नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी होगी। श्रीगंगानगर जिले में भी बारिश की संभावना है। इससे तापमान में और गिरावट आ सकती है। साल के पहले दिन बुधवार को अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सुबह ठंड का प्रकोप इतना ज्यादा था कि लोग जगह-जगह अलाव तापते नजर आए।