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श्रीगंगानगर.
नगरपरिषद के 687 कर्मचारियों के लिए यह माह राहत लेकर आने वाला है। इस महीने के अंत तक इन कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें के अनुसार एरियर दिया जाएगा। इसके लिए परिषद के खजाने से करीब सवा दो करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है।
परिषद के सहायक लेखाधिकारी सिमरजीत सिंह अटवाल ने बताया कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से हर महीने करीब 38 से 40 लाख रुपए वेतन और भत्तों में अतिरिक्त धनराशि खर्च की जाएगी। राज्य सरकार ने स्थानीय निकायों के कर्मचारियां को वेतन आयेाग की सिफारिशां के मुताबिक एरिययर देने के आदेश किए थे। इसकी पालना में प्रत्येक कर्मचारी का एरियर बिल बनाया जा रहा है। इन कर्मियों में सफाई कर्मचारी भी शामिल है।
उन्होंने दावा कि कि इस महीने के अंत तक एरियर बिलों का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके लिए लेखा शाखा की टीम जुटी हुई है। एक एक कर्मचारी के वेतन में एरियर का मूल्यांकन किया जा रहा है। इसके बाद इसे ऑनलाइन फीडिंग कर रहे है।
अपडेट होने के कारण हो रही देरी
लेखाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी 188 स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के लिए कोषगार से ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है। मेडिकल बिल आदि बनाकर इसे ऑनलाइन फीडिंग की जा रही है। पहले परिषद स्तर पर ही वेतन और भत्तों के बिल तैयार कर संबंधित बैंक में राशि जमा कराई जाती थी, वहां से संबंंधित कर्मचारी के बैँक खाते में वेतन जमा हो जाता था लेकिन अब कोषागार की अनुमति के उपरांत ही यह राशि ऑनलाइन जमा कराने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
इस पेचीदा प्रक्रिया होने के कारण नगर परिषद के कर्मियों को वेतन माह की एक तारीख के स्थान पर 26 या 27 तारीख तक मिलने लगा है। एक एक खाते को अपडेट किया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले महीने से निर्धारित समय में वेतन मिल सकेगा।
Published on:
25 Apr 2018 09:18 pm
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