युवक के पिता का कुछ दिन पहले निधन हुआ तो उसको पत्नी के साथ घर नहीं आने दिया गया। अब खुद उसकी मौत हुई तो मायके या ससुराल वाले कोई उसका शव लेने नहीं आया।
जब कोई नहीं आया तो युवक के शव का अंतिम संस्कार उसके रिश्तेदारों और गांव के लोगों ने किया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया है। भीमसेन की मौत के कारणों का पता एफएसएल रिपोर्ट आने पर चलेगा। हालांकि डॉक्टरों ने प्रथम रिपोर्ट में बताया है कि शव पर चोट के निशान नहीं थे।
मामला 365 हैड कस्बे का है। स्थानीय निवासी भीमसेन कुम्हार को करीब 3 वर्ष पहले अपने पड़ौस में रही रही विवाहिता दो बच्चों की मां इंद्रादेवी कुम्हार से प्रेम हो गया। इस रिश्ते से न तो लड़के के परिजन खुश थे न ही इंद्रा के मायके के लोग। इसके बावजूद इन दोनों ने प्रेम विवाह किया।
विवाह करने के बाद भीमसेन अपने घर को छोड़कर जैसलमेर की सुथारमंडी चला गया। वहां उसने अपना स्कूल खोल लिया और जीवनयापन करने लगा। रविवार शाम को खाना खाने के बाद भीमसेन के सीने में भयंकर दर्द शुरू हुआ। इसके बाद उसकी पत्नी उसे पहले दंतौर लेकर गई। वहां से मृतक की बहन के परिवार के सदस्य उसे लेकर मंडी 365 हैड आए। यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।