
garbage container
श्रीगंगानगर.
यहां-वहां बिखरा कचरा। कूड़ा-करकट से अटे कचरा पात्र। मुहं मारते आवारा पशु। नालियों में जमा गंदा पानी। बदबू ऐसी की सांस लेना तक मुश्किल। कुछ ऐसे ही हालात शहर के मुख्य मार्गों और चुनिंदा इलाकों में देखने में मिले, जब नगरपरिषद आयुक्त ने गुरुवार को आकस्मिक निरीक्षण किया। जिले के प्रभारी सचिव शिखर अग्रवाल के दौरे से ठीक एक दिन पहले आयुक्त ने गोल बाजार, अंबेडकर चौक, स्वामी दयानंद मार्ग, स्टेशन रोड, लक्कड़मंडी रोड, रवीन्द्र पथ, कोतवाली रोड और नेहरू पार्क के आस-पास आदि इलाका जब दौरा किया तो कचरे के ढेर मिले। यहां तक कि कचरा पात्र को साफ करने की बजाय पहले से कचरे से अटे कचरा पात्र को वहां रखा गया तो आयुक्त ने अपनी नाराजगी व्यक्त की।
सफाई नहीं होने की शिकायत दुकानदारों ने कई बार की थी लेकिन इस समस्या का हल स्थायी रूप से नहीं हो रहा है। दुकानदारों की माने तो बाजार क्षेत्र में सफाई कार्मिक मनमर्जी से आते है, जब किसी अधिकारी का दौरा होता है तब सफाई कार्य होता है। इधर, जवाहरनगर, पुरानी आबादी के अलावा ट्रेक्टर मार्केट एरिया में सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है।
शत-प्रतिशत हाजिर नहीं होते कार्मिक
बिगड़ी सफाई व्यवस्था का एक कारण सफाई कार्मिकों के शत प्रतिशत हाजिर नहीं होना भी है। अधिकांश हाजिरी स्थल से ऐसे कार्मिक गायब रहते हैं। फरलो पर रहने वाले कर्मचारियों की अनुपस्थिति की बजाय ऑन रिकॉर्ड हाजिरी लगती है। सफाई निरीक्षक संबंधित फरलो पर रहने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे है्र। इसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। कोर्ट के पास कलेक्ट गेट पर कचरा पात्र पिछले दस साल से साफ नहीं किया गया है, वहां इतनी गंदगी है कि कई बार अधिवक्ताओं ने भी नगर परिषद से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।
नया ठेका होने के बाद सुधरेगी व्यवस्था
नगर परिषद आयुक्त सुनीता चौधरी ने बताया कि संविदा के एक सौ सफाई कर्मियों को लगा रखा था लेकिन ठेके की अवधि समाप्त होने के कारण इन संबंधित कार्मिकों को हटा दिया है। ऐसे में नया ठेका होने तक सफाई कार्य प्रभावित रहेगा। उम्मीद है कि नया ठेका होने के बाद यह व्यवस्था सुधर जाएगी।
Published on:
26 Apr 2018 07:43 pm
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