
plane after accident
श्रीगंगानगर.
लालगढ़ हवाई पट्टी पर लैंडिंग के दौरान सुप्रीम एयरलाइन्स के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले की जांच नई दिल्ली स्थित नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक (हवाई सुरक्षा) कार्यालय ने शुरू कर दी है। बुधवार सुबह पहुंचे अधिकारी ने लालगढ़ हवाई पट्टी पर रनवे का निरीक्षण किया। उन्होंने दुर्घटना के शिकार हुए विमान को भी देखा जो अभी भी कटे हुए पेड़ के तने में अटका हुआ है। नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक (हवाई सुरक्षा) कार्यालय से अभी और अधिकारी हादसे की जांच के लिए आएंगे।
हवाई पट्टी पर तैनात सुप्रीम एयरलाइन्स के कर्मचारी ने 'पत्रिका' को बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक (हवाई सुरक्षा) कार्यालय के एक अधिकारी सुबह हवाई पट्टी पर आए और दुर्घटना के जो भी कारण रहे हैं उनकी जांच की। अधिकारी ने रनवे का बारीकी से निरीक्षण किया और उसकी लंबाई और चौड़ाई का नाप लिया। उन्होंने उस जगह को भी देखा, जिस जगह पर विमान ने पहली बार जमीन को छुआ था। इस जगह से उस दीवार की दूरी की जांच भी अधिकारी ने की जिसे तोड़ते हुए विमान पेड़ के तने में जाकर अटक गया था। एयरलाइन्स के कर्मचारी ने बताया कि गुरुवार को एक और अधिकारी जांच के लिए आएंगे।
रिपोर्ट के बाद हटेगा विमान
विमान को दुर्घटनास्थल से हटाए जाने के बारे में एयरलाइन्स के कर्मचारी का कहना था कि नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक (हवाई सुरक्षा) कार्यालय की जांच पूरी होने तथा इसकी रिपोर्ट एयरलाइन्स प्रबंधन को मिलने के बाद ही विमान को दुर्घटनास्थल से हटाया जाएगा। विमान की मरम्मत दिल्ली या जयपुर में होने के बारे में पूछने पर कर्मचारी का कहना था कि जांच के बाद इसके बारे में तय किया जाएगा। मरम्मत के लिए विमान को ट्रॉले में लादकर दिल्ली या जयपुर ले जाया जाएगा। इसके लिए उसके दोनों पंख खोले जाएंगे।
चूक से हुआ हादसा
हवाई पट्टी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि पायलट की चूक से हादसा हुआ। हवाई पट्टी के रनवे की लंबाई 3000 फीट है जबकि छोटे विमान की लैंडिंग के लिए 1600 फीट लंबा रनवे पर्याप्त होता है। सुप्रीम एयरलाइन्स के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने भी रनवे की लंबाई को पर्याप्त बताया है। सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि पायलट ने विमान की लैंडिंग रनवे पर काफी आगे आकर की। उस समय विमान की गति काफी तेज होने के कारण पायलट विमान पर नियंत्रण नहीं रख पाया और वह दौड़ता हुआ दीवार तक पहुंच कर उससे टकरा गया। आगे पेड़ का तना नहीं होता तो विमान दीवार को पार कर जाता। तब वहां खड़े पेड़ों से टकराकर विमान के पंख भी क्षतिग्रस्त हो जाते और विमान में आग भी लग सकती थी।
Published on:
08 Aug 2018 08:10 pm
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