फिर इन रूटों पर नहीं मिलता यात्री भार
इन बसों में प्रशासन रोडवेज की बसों को ले लेता है और इधर-उधर भेजता रहता है। इस कारण जहां पर रोडवेज की बसें चल रही होती है। वह रूट या तो बंद करना पड़ता है या फिर इस रूट पर बसों की संया कम करनी पड़ती है। इसके बाद इस रूट पर लोक परिवहन और निजी बसों के संचालक धीरे-धीरे मार्ग पर अपना दबदबा बना लेते हैं। इसके बाद में रोडवेज को आर्थिक नुकसान होता है।
इन बसों में प्रशासन रोडवेज की बसों को ले लेता है और इधर-उधर भेजता रहता है। इस कारण जहां पर रोडवेज की बसें चल रही होती है। वह रूट या तो बंद करना पड़ता है या फिर इस रूट पर बसों की संया कम करनी पड़ती है। इसके बाद इस रूट पर लोक परिवहन और निजी बसों के संचालक धीरे-धीरे मार्ग पर अपना दबदबा बना लेते हैं। इसके बाद में रोडवेज को आर्थिक नुकसान होता है।
रोडवेज को इन रूटों पर फिर यात्री भार नहीं मिलता है। इस कारण बाद में रोडवेज की बस सेवाएं इन रूटों पर नहीं चल पाती है। निगम के अनुसार लोकसभा चुनाव की वजह से छह निगम की बसें बाड़मेर और चार बसें जालौर जिले में पुलिस के जवानों को लेकर गई हुई हैं। यह बसें गुुरुवार रात्रि को श्रीगंगानगर से रवाना हुई थीं। अब यह बसें मतदान समाप्त होने पर इन कार्मिकों को लेकर आएंगी। इससे पूर्व 15 दिन के लिए छह बसें डिपो की कैलादेवी मैला में गई हुई थी,वो बसें अब आज आई हैं।
तीन माह में 21 अनुबंधित बसें बंद
निगम की फरवरी में अनुबंध की पांच और 31 मार्च 2024 को दस बसें बंद कर दी गई। तीस अप्रेल को अनुबंधित छह स्लीपर बसें बंद की जाएंगी। गौरतलब है कि पिछले तीन माह में रोडवेज की अनुबंधित 21 बसों का संचालन बंद हो चुका है। डिपो की इतनी बसें बंद होने पर इनके रूट पर अब कोई बस नहीं है।
निगम की फरवरी में अनुबंध की पांच और 31 मार्च 2024 को दस बसें बंद कर दी गई। तीस अप्रेल को अनुबंधित छह स्लीपर बसें बंद की जाएंगी। गौरतलब है कि पिछले तीन माह में रोडवेज की अनुबंधित 21 बसों का संचालन बंद हो चुका है। डिपो की इतनी बसें बंद होने पर इनके रूट पर अब कोई बस नहीं है।