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श्री गंगानगर

थमा नहीं मृत श्रमिकों के नाम पर मस्टररोल जारी करने का खेल

The game of issuing musterrolls in the name of dead workers did not stop- जिला परिषद एक्सइएन ने कई गांवों में जांची हकीकत  

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श्रीगंगानगर. पूरे जिले में मृत श्रमिकों के नाम पर मस्टरोल जारी करने और उनके नाम के खातों में भुगतान होने का खेल अब तक थमा नहीं है। पिछले पांच साल से जिले के 345 ग्राम पंचायतों में मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड को अपडेट तक नहीं किया है। इससे मृत श्रमिकों के नाम को हटाने की प्रक्रिया नहीं हो पाई है। इससे मृत श्रमिकों के नाम से मस्टरोल जारी हो रहे हैं। जॉब कार्ड को अपडेट करने की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी की रहती है, लेकिन इन अधिकारियों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया है। हालांकि पिछले दिनों दो ग्राम पंचायतों के मनरेगा कार्यों में यह जानकारी आने के बाद जिला परिषद में खलबली मच गई थी। अब पूरे जिले के मस्टरोल को दोबारा जांचा जा रहा है। वहीं जिला परिषद के सीइओ मुहम्मद जुनैद ने मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड को अपडेट करने के आदेश जारी किए हैं। इसकी पालना कराने के लिए पंचायत समिति के बीडीओ को अधिकृत किया है। इधर, जिला परिषद एक्सइएन रमेश मदान की ओर की गई जांच रिपोर्ट में दो ग्राम पंचायतों 74 जीबी और 22 ए में मृत श्रमिकों के नाम से मस्टरोल जारी करने वाले ग्राम विकास अधिकारी और कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। हालांकि अभी तक इस संबंध में कार्रवाई को लंबित रखा गया है।
ग्राम पंचायत क्षेत्र में मनरेगा श्रमिकों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को ग्राम पंचायतें मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करती है। यह जानते हुए भी उसके मनरेगा जॉब कार्ड में इसका संशोधन नहीं किया जाता। इसका फायदा पहुंचाने के लिए कई लोग सक्रिय हो जाते हैं। फर्जी तरीके से मस्टरोल जारी हो रहे हैं। जिला परिषद मनरेगा एक्सइएन की मानें तो वर्ष 2018 से अब तक जॉब कार्ड को अपडेट तक नहीं किया गया है। इस कारण संबंधित ग्राम पंचायत में नए ग्राम विकास अधिकारी को यह जानकारी नहीं होती कि संबंधित श्रमिक की मृत्यु हुई है या नहीं।
वहीं, जिले में इन दिनों खेतों में फसलों की कटाई और बिजाई का दौर चल रहा है। ऐसे में खेतों में दिहाड़ी करने के लिए मजदूरों में दिलचस्पी है। इस कारण खेतों में मजदूरों की चहल-पहल चल रही है। मनरेगा कार्यों में श्रमिकों की संख्या एकाएक घट गई है। रोजाना अस्सी से नब्बे हजार औसतन मजदूर आते थे, अब इन दिनों सिर्फ 13 हजार ही श्रमिक आ रहे हैं। मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल का भी असर दिखने लगा है। ग्राम विकास अधिकारियों के अपना आंदोलन वापस लेने से जिला परिषद प्रशासन को कुछ राहत मिली है।
इधर, जिला परिषद प्रशासन ने मृत श्रमिकों के नाम से मस्टरोल जारी करने का मामला उजगार होने के बाद सीईओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने पूरे जिले के मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड को अपडेट करने का निर्णय लिया है। एक्सइएन मदान के अनुसार जिले में करीब ढाई लाख से अधिक जॉबकार्ड बने हुए हैं। नियमानुसार हर छह माह में ऐसे कार्ड अपडेट होने चाहिए, लेकिन वर्ष 2018 से अब तक एक बार भी जॉब कार्ड अपडेट नहीं हो पाए। अब अगले दस दिनों में जॉब कार्ड अपडेट करने के लिए बीडीओ को अधिकृत किया गया है।
पंचायत समिति ग्राम पंचायत श्रमिकों की संख्या
अनूपगढ़ 32 1222
श्रीगंगानगर 53 1701
घड़साना 36 1392
श्रीकरणपुर 35 1805
पदमपुर 36 800
रायसिंहनगर 47 1523
सादुलशहर 28 3842
श्रीविजयनगर 29 850
सूरतगढ़ 49 815
कुल योग 345 13950

मनरेगा का गणित
जिले में कुल पंचायत समितियां: 09
जिले में कुल ग्राम पंचायतें: 345
जिले में कुल मनरेगा जॉब कार्ड: 2,57,315
जिले में इन दिनों आ रहे रोजाना श्रमिक : 13,000