
city collector said that work is more important then song
श्रीगंगानगर. चिकित्सालय परिसर में स्थापति विद्युत ट्रांसफार्मर की चारदीवारी व तारबंदी करवाने का कार्य नहीं होने पर जिला कलक्टर खफा हो गए और उन्होंने पीएमओ से कहा कि गाना गाने की जरूरत नहीं,मेरे को काम से मतलब है, आप 15 अक्टूबर तक इस कार्य का पूर्ण करवाओ। इसके लिए तकनीकी रूप से सहयोग करने के लिए विद्युत निगम के एक्सईएन केके कस्वां को पाबंद किया। इन दोनों कार्यों के लिए एक लाख रुपए की राशि मंजूर की गई। रविवार को राजकीय जिला चिकित्सालय में राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी (आरएमआरएस) की हुई बैठक में जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने पीएमओ डॉ.सुनीता सरदाना से यह बात कहीं। हर बार यही मुद्दे, ऐसा क्यूं? समिति की आगामी बैठक में जो इस बैठक में शामिल हुए कोई मुद्दा शामिल नहीं होना चाहिए, इनका निस्तारण बैठक से पहले आप व्यक्तिगत रूप से आप दूरभाष से पता कर निस्तारण करो, यह नहीं होना चाहिए कि पत्र-लिखा है और वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।
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पिछली बैठक में बहुत से मुद्दों का निस्तारण नहीं होने पर जिला कलक्टर ने अधिकारियों को फटकार तक लगाई। आई वार्ड की ऑटी को क्यूं बंद रख रखा है? आई वार्ड का बंद कर रखा है और पीएनसी वार्ड में वार्ड शिफ्ट कर रखा है, रोगियों का आई का ऑपरेशन ऑपरेशन थिएटर में द्वितीय मंजिल पर किया जाता है। समिति सदस्य गोपाल तरड़ ने कहा कि चिकित्सालय प्रबंधन जानबूझ कर वार्ड को बंद कर रखा है। आई वार्ड की ऑटी और एक वार्ड सही और थोड़ा-बहुत रख-रखाव करवाना है, जबकि अब ऑटी द्वितीय वार्ड पर बनाकर बुजुर्ग रोगियों को परेशान किया जा रहा है। बीच में पीएमओ व डीसी ने कहा कि 15-20 लाख रुपए की लागत से इस वार्ड का दुबारा छत आदि का निर्माण करवाना है। एनएचएम ने इसकी रिपोर्ट दी है। फिर एक्सईएन से पूछा तो उसने कहा कि ऑटी और एक वार्ड तो ठीक है और वार्ड प्रभारी डॉ.सीमा राजवंशी ने भी इसी बात का समर्थन किया। इस पर कलक्टर ने कहा कि एक्सईएन को कहा कि वार्ड का निरीक्षण कर नीचे की ओडी को शुरू किया जाए।
थोड़ा-बहुत कार्य करवाना है तो तुंरत प्रभाव से करवाया जाए। यॉग लेजर मशीन--आई वार्ड की याग लेजर मशीन के लिए 15 लाख रुपए की राशि खर्च होने की बात कहीं, इस पर कलक्टर ने कहा कि पहले राज्य विभाग को लिखा जाए, नहीं तो विधायक कामिनी जिंदल से आग्रह किया तो मैडम आप विधायक कोष से राशि लेकर मशीन उपलब्ध करवाई जाए, इस पर जिंदल ने कहा कि पहले ही लिखा हुआ और राशि के लिए कह रखा है। सदस्य तरड़ ने कहा कि अंध विद्यालय अस्पताल में ही इसकी सुविधा है और एक हजार रुपए शुल्क लिया जाता है। रोगियों के लिए बहुत जरूरी है। इनकी रही भागीदारी-विधायक कामिनी जिंदल,संयुक्त निदेशक बीकानेर डॉ.एचएस बराड़, प्रेम अरोड़ा, डॉ.राजेश अरोड़ा, नर्सिंग अधीक्षक कुलजीत कौर, सदस्य उदयपाल झाझडिय़ा, गोपाल तरड़, प्रेम चौधरी, हरजित सिंह हैरी व सहायक लेखाधिकारी गोपाल स्वामी आदि शामिल हुए।
Published on:
25 Sept 2017 01:41 pm
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