11 मार्च को निरस्त हुए इस पेपर अब विश्वविद्यालय 23 मार्च यानी शनिवार को लेगा। यह परीक्षा पार्ट टाइम डिप्लोमा कोर्स के पांचवे सेमेस्टर के इलेक्ट्रिकल पॉवर विषय की थी। ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रश्नपत्र में पूछे गए प्रश्न कोर्स सिलेबस के बाहर से आए हैं। इससे पहले भी प्रश्नपत्रों में यह गड़बड़ी हो चुकी है, जिसकी वजह से उक्त पेपर को निरस्त करने की नौबत आई थी।
आखिर गलती किसकी? प्रश्नपत्र में पूछे गए सिलेबस के बाहर के सवालों से निरस्त करनी पड़ गई परीक्षा के लिए मुख्य रूप से पेपर सेट करने वाले प्रोफेसर और उनके पैनल जिम्मेदार होते हैं। एक गलती की वजह से विश्वविद्यालय को अब दोबारा से परीक्षा करानी होगी। इससे खर्च बढ़ जाएगा। पेपर छपवाने से लेकर सभी तरह की अन्य औपचारिक्ताएं दोबारा से करनी पड़ेगी। पूर्व में हुए इस तरह के मामले में सीएसवीटीयू ने एक प्रोफेसर पर प्रतिबंध लगाने के साथ उनके खिलाफ परीक्षा कार्य में लगने वाले खर्च की रिकवरी निकाल दी थी। ऐसे ही इस बार भी कार्रवाही की उम्मीद है।