इससे पहले हाईकोर्ट ने अपात्र कॉलेजों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार करते हुए इन कॉलेजों के स्टूडेंट को भी किसी अन्य कॉलेजों में समायोजित करने से मना कर दिया था। कोर्ट के ताजा फैसले से 45 हजार स्टूडेंट परीक्षा दे सकेंगे।
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गौरतलब है कि सीबीआई ने प्रदेश के 308 नर्सिंग कॉलेज की जांच कर हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी थी। सीबीआई की रिपोर्ट में प्रदेश के 169 नर्सिंग कॉलेज पात्र पाए गए जबकि 74 नर्सिंग कॉलेजों को अपात्र पाया गया। सीबीआई के अनुसार ये 74 नर्सिंग कॉलेज मानकों को तो पूरा नहीं करते पर यहां ऐसी अनियमितताएं हैं जिन्हें सुधारा जा सकता है। शेष 65 कॉलेज अयोग्य पाए गए थे।
प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने के लिए लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए थे। सीबीआई ने यह भी बताया था कि 56 कॉलेजों की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किए।
इसके बाद हाईकोर्ट की युगलपीठ ने अपात्र पाए कॉलेजों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने यह आदेश भी जारी कर दिया कि इन कॉलेजों के स्टूडेंट को किसी अन्य कॉलेज में समायोजित नहीं किया जाएगा।
सोमवार को हाईकोर्ट ने नर्सिंग स्टूडेंट को खासी राहत देते हुए सभी स्टूडेंट को परीक्षा देने की मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर ही पात्र नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षा प्रक्रिया शुुरु हुई थी। कोविड के कारण नर्सिंग स्टूडेंट का परीक्षा कार्यक्रम कई साल लेट चल रहा है।