scriptRajasthan Samachar : घूंघट से निकल नुक्कड़ नाटकों से उठा रही आवाज, महिला सरपंच ‘बाल विवाह’ पर लगा रही लगाम | Coming out of the veil, she is raising her voice through street plays, the female Sarpanch is curbing 'child marriage' | Patrika News
जयपुर

Rajasthan Samachar : घूंघट से निकल नुक्कड़ नाटकों से उठा रही आवाज, महिला सरपंच ‘बाल विवाह’ पर लगा रही लगाम

पिछले सालों में जागरुकता बढऩे के कारण बाल विवाह में कमी आई, लेकिन अब भी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के अनुसार गांवों की 28.3 फीसदी और शहरों में 15.1 फीसदी बालिकाओं की 18 साल से पहले शादी हो रही है। इस बीच अच्छी खबर यह है कि अजमेर और उदयपुर सहित कई संभागों में महिला सरपंच बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय हैं।

जयपुरMay 04, 2024 / 02:25 pm

जमील खान

Child Marriages In Rajasthan : जयपुर. प्रदेश में महिला सरपंच अब कई जगह घूंघट से निकलकर बाल विवाह रोकने के लिए मोर्चा संभाल रही हैं, तो कुछ महिला सरपंच आज भी पतियों के सहारे ही हैं। उधर, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) ने अब बाल विवाह रोकने के प्रयासों को सालाना कार्यक्रम बनाने के बजाय नियमित एक्शन प्लान में शामिल किया है, इसके माध्यम से कानूनी जागरुकता की मुहिम शुरू कर दी है। अजमेर संभाग के कुछ जिलों के साथ ही आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बाल विवाह की संख्या काफी अधिक है।
पिछले साल में जागरुकता बढऩे के कारण बाल विवाह (child marriage) में कमी आई, लेकिन अब भी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के अनुसार गांवों की 28.3 फीसदी और शहरों में 15.1 फीसदी बालिकाओं की 18 साल से पहले शादी हो रही है। इस बीच अच्छी खबर यह है कि अजमेर और उदयपुर सहित कई संभागों में महिला सरपंच बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय हैं। महिला सरपंचों द्वारा स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से नुक्कड़ नाटकों के जरिए महिलाओं और बालिकाओं को बाल विवाह के खतरों से आगाह किया जा रहा है, तो स्कूलों में बालिकाओं को बाल विवाह से आने वाली सामाजिक बुराईयों के प्रति सावचेत किया जा रहा है।
यहां करें शिकायत
1090, 15100

स्कूल में बालिकाओं के बीच जाकर उन्हें समझाती हूं कि बाल विवाह जैसी बुराईयों के खिलाफ आवाज उठाएं। गरीब परिवारों को समझाती हूं कि बेटियों की पढ़ाई मत छुडवाओ। ऐसे परिवारों की बेटियों की शादी का खर्च कम करवाने के लिए उनकी सामूहिक विवाह में शादियां करवाती हूं। गुलजान खान, सरपंच, गगवाना (अजमेर)
निरंतर नुक्कड़ नाटक करवाकर चौपाल पर लोगों को समझाती हूं कि बाल विवाह बेटियों के लिए खतरे की घंटी है। बेटी का कम उम्र में विवाह होगा तो मां बनते समय उसको खतरा होगा। कम उम्र में मां बनने पर जान को भी खतरा हो सकता है। डिम्पल कंवर, सरपंच, बोराज (राजसमंद)

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