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कोटा

खुले बाजार में किसानों को मिल रहे गेहूं के अधिक दाम, सरकारी एजेंसियां परेशान

Wheat Purchase on Government Quota : किसानों को खुले बाजार में गेहूं अच्छे दाम मिलने के कारण पर्याप्त गेंहू सरकारी केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सरकारी एजेंसियां परेशान हैं।

कोटाApr 07, 2024 / 03:57 pm

Sanjay Kumar Srivastava

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Wheat Purchase on Government Quota

Wheat Purchase on Government Quota : राजस्थान के कोटा संभाग में भारतीय खाद्य निगम मंडल के अधीन पांच राजस्व जिलों में सहकारी केंद्रों पर गेहूं की खरीद जारी है लेकिन खुले बाजार में किसानों को अच्छे दाम मिलने के कारण पर्याप्त गेंहू सरकारी केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। भारतीय खाद्य निगम मंडल कार्यालय कोटा के अधीन राजस्व जिला कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड एवं सवाई माधोपुर में इस वर्ष रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य के तहत गेहूं की खरीद के लिए निगम को 35 केंद्र तथा राज्य एवं अन्य केन्द्रीय एजेंसियों को 124 केंद्र आवंटित किये हैं, जिनमें समर्थन मूल्य गेहूं खरीद कार्य किया जाना है लेकिन अब तक 1928 किसानों ही उनकी उपज बेचने के लिए इन केंद्रों पर पहुंचे है जबकि पूर्व में अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में 27 हजार 934 किसानों ने खरीद के लिए पंजीकरण करवा लिया था। हालांकि पंजीकरण का काम अभी भी चल रहा है एवं 25 जून तक जारी रहेगा।

व्यापारी-आढ़तिये हाथों-हाथ कर रहे भुगतान

निगम के खरीद केंद्रों पर अपेक्षा से कम किसानों के अपनी उपज बेचने के लिए पहुंचने की बड़ी वजह यह बताई जाती है कि भारत सरकार ने इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2,275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जिसके ऊपर 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस घोषित किया है। इस हिसाब से किसानों को प्रति क्विंटल 2400 रुपए का भुगतान होगा जबकि खुले बाजार में किसानों को नए गेहूं के दाम 2350 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे है और किसानों को उनकी बेची हुई जिंस का व्यापारी-आढ़तिये भुगतान भी हाथों-हाथ कर रहे हैं।

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किसानों को 18.47 करोड़ का हुआ भुगतान

हालांकि भारतीय खाद्य निगम की ओर से यह दावा किया गया है कि कृषि उपज बेचने आने वाले किसानों को उनकी बेची उपज का भुगतान भी 48 घंटों में उनके आधार लिंक खाते में जमा करवा दिया जाएगा और अब तक 1928 किसानों को उनकी उपज 15 हजार 991 एमटी का तुरंत समय पर भुगतान कर दिया गया है। अभी तक लगभग 18.47 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया चुका है।

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