भारतीय खिलाडिय़ों की कैलकुलेशन स्किल शानदार
कार्लसन का कहना है कि भारतीय खिलाडिय़ों की कैलकुलेशन स्किल बेहद शानदार होती है, शायद उन्हें इसी तरह से ट्रेनिंग दी जाती है। सबसे पहले आप विश्वनाथन आनंद पर नजर डालें, जिनके पास खेल के बारे में अविश्वसनीय ज्ञान है। लेकिन, पहली चीज़ जो आपने उनके बारे में नोटिस की और पहली चीज जो आपने विशेष रूप से अन्य युवा भारतीय खिलाडिय़ों के बारे में नोटिस की, वो है कैलकुलेशन स्किल। मुझे लगता है कि यह एक प्रमुख विशेषता है जो उन भारतीय खिलाडि़यों की पीढि़यों को जोड़ती है, जिनके साथ मैं खेला हूं।
इस खेल में भविष्य उज्जवल है
नॉर्वे के दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि एक बात मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि भारत की वर्तमान शतरंज पीढ़ी निश्चित रूप से सबसे मजबूत और सबसे खतरनाक है। पूरेे विश्व के मुकाबले भारत की वर्तमान युवा पीढ़ी बेहद शानदार है। खासतौर पर जिनका जन्म 2003 और 2006 के बीच हुआ है।
19 वर्षीय प्रग्गनानंदा से हार चुके हैं कार्लसन
भारत के 19 वर्षीय युवा खिलाड़ी आर प्रग्गनानंदा ने 2022 में कार्लसन को ऑनलाइन रैपिड टूर्नामेंट में शिकस्त दी थी। वहीं, फरवरी 2024 में 17 वर्षीय डी गुकेश ने फ्रीस्टाइल चेस में कार्लसन को हराया था। इन दो युवाओं की प्रशंसा करते हुए कार्लसन ने कहा, दोनों में बेहद प्रतिभा है लेकिन इनके खेलने की विधा में थोड़ा अंतर है। गुकेश का खेल कैलकुलेशन पर आधारित है। वहीं, प्रग्गनानंदा भी कैलकुलेशन करते हैं लेकिन वह काफी सहज हैं।
27 मई से नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में चमक बिखेरेंगे दिग्गज
मैग्नस कार्लसन 27 से 07 जून तक अपने घर में खेले जाने वाले नॉर्वे चेस टूर्नामेंट को लेकर बेहद उत्साहित हैं, जिसमें आर प्रग्गनानंदा सहित दुनिया के शीर्ष छह खिलाड़ी चुनौती पेश करने उतरेंगे। इस टूर्नामेंट के पुरुष वर्ग में भारत की ओर से प्रग्गनानंदा एकमात्र चुनौती पेश करेंगे। वहीं, महिला वर्ग में कोनेरू हंपी और आर वैशाली चुनौती देंगी।