बता दें कि किर्गिस्तान में भारत के लगभग 1700 स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। जिनकी सुरक्षा को लेकर उनके परिवारों में भी चिंता बढ़ गई है। रोज आती इस तरह की खबरें उन्हें और ज्यादा डरा रही हैं। ऐसे में परिवार के सदस्यों ने सरकार से अपने बच्चों को देश वापस लाने का अनुरोध किया है।
छात्राओं से रेप, हॉस्टल के कमरे तक आ रहे दंगाई
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिश्केक में फंसी (Indian Students In Kyrgyastan) सूरत की भारतीय छात्रा रिया लाठिया ने बताया कि “बिश्केक में भारतीय स्टूडेंट बेहद डरे हुए हैं। हम जिस हॉस्टल में रह रहे हैं वहां पर भी हमले हो रहे हैं, आलम ये है कि उनके कमरे तक आकर दंगाई दरवाजा पीटते हैं, वो यहां पर उन्हें खाना देने के बहाने आते हैं और कहते हैं कि दरवाजा खोलो, हम खाना देने आए हैं, लेकिन डर के मारे वो कमरे से बाहर नहीं निकले, इस पर बाहर मौैजदू लोगों ने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया और इतनी जोर-जोर से पीटा कि एक दरवाजा टूट गया लेकिन गनीमत रही कि दूसरा दरवाजा वो नहीं तोड़ पाए जिससे वो भीतर नहीं आ सके और इस तरह हमारी जान बच सकी।” रिया का कहना है कि उन्होंने वहां पर कई लड़कियों के साथ रेप की खबरें भी सुनी हैं, किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) के स्टूडेंट विदेशी लड़कियों का हॉस्टल के कमरों में घुस कर या सड़कों पर ही उनका रेप कर रहे हैं। ऐसे में उस दिन जो उनके साथ हॉस्टल के कमरे के बाहर हुआ उससे ऐसा लगा था कि वो लोग अंदर आकर उनके साथ भी कुछ ऐसा ही कर सकते थे। उस घटना ने उन्हें बहुत डरा कर रख दिया है।
एयरपोर्ट पर भी ढंग से बर्ताव नहीं कर रहे अधिकारी
रिया का कहना है कि बिश्केक में हालात बदतर हो रहे हैं। लोग हॉस्टल के कमरों तक में सुरक्षित नहीं है तो बाहर निकल कर एयरपोर्ट कैसे जाएं। किर्गिस्तान के लोग सिर्फ विदेशी देखते ही उस पर टूट पड़ रहे हैं। उसके कुछ साथियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर भी बहुत भीड़ लगी हुई है। वहां भी अधिकारी विदेशी छात्रों के साथ ढंग से बर्ताव नहीं कर रहे हैं, कोई कुछ बताता नहीं कोई जानकारी नहीं देता। ऐसे में वो भारत वापस नहीं आ पा रहे हैं।
Kyrgyzstan में फंसी बेटी से नहीं हो पा रहा कोई संपर्क
किर्गिस्तान में फंसी भारत की स्टूडेंट (Indian Students In Kyrgyastan) आयशा शिरीन रॉय के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनकी बेटी किर्गिस्तान में चल रहे माहौल से बेहद डरी हुई है और बस अपने देश वापस लौटना चाहती है। परिवार का कहना है कि वो लोग बेटी से अब संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में आयशा की चाची सुज़ैन रॉय ने कहा, “मेरी भतीजी वहां रहती है। वो MBBS की छात्रा है। वहां हिंसा का दौर शुरू होने के बाद हमने उनसे फोन पर संपर्क किया, लेकिन सुबह 5 बजे के बाद से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
हॉस्टल से निकाल कर बंकरों में छिपाए जा रहे स्टूडेंट्स
शिरिन ने तब उनसे फोन पर कहा था कि हॉस्टल के बाहर जो हो रहा है उससे वो बहुत डरी हुई है, किसी भी तरह बस उसे भारत बुला लें। शिरिन ने कहा कि यहां दिन-ब-दिन हालात खराब होते जा रहे हैं। इसलिए किसी भी तरह उसके सम्पर्क में बने रहें। शिरिन ने जानकारी दी थी कि उसे और हॉस्टल में रहने वाले दूसरे साथियों को एक बंकर मे ले जाकर छिपाया गया है क्य़ोंकि हॉस्टल पर हमला होने वाला था।
सुरक्षा से संतुष्ट नहीं परिवार
वहीं जब परिवार से ये पूछा गया कि किर्गिस्तान में जो सुरक्षा स्टूड़ेंट्स को दी जा रही है क्या वो उससे संतुष्ट हैं तो परिवार ने कहा कि “हम पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय ने उसे और साथी बोर्डर्स को सुरक्षा प्रदान की है। मौजूदा अशांति के बीच सड़कों पर सुरक्षा गार्ड कम हैं और दंगाई अधिक हैं। उन्हें दिन में सिर्फ एक बार ही खाना मिल रहा है, तो हम कैसे निश्चिंत हो सकते हैं”।
ऑनलाइन होंगी क्लासेस
बिश्केक में फंसी छात्रा शिवानी तम्बोली के पिता ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि ‘ये घटना 18 मई को हुई थी। उस समय काफी दहशत का माहौल था और क्योंकि बिश्केक में सेना और पुलिस बल भी आ गए हैं, इसलिए अब माहौल पहले जैसा नहीं है। छात्रों को बाहर न जाने के लिए कहा गया है। कॉलेज प्रबंधन हॉस्टल में खाना-पीना पहुंचा रहा है और अब क्लासेस ऑनलाइन लेने के लिए कहा गया है और छात्रों को भारत वापस जाने के लिए कहा गया है।”
किर्गिस्तान में 1700 भारतीय छात्र
बता दे कि हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए किर्गिस्तान के मेडिकल और दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिला लेते हैं। किर्गिस्तान में भारतीय दूतावास (Indian Embessy in Kyrgyzstan) की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इस समय, लगभग 17,000 भारतीय छात्र देश के कई शहरों में फैले हुए हैं, लेकिन उनमें से ज्यातार बिश्केक में हैं।
हेल्पलाइन नंबर जारी
इन हालातों के सामने आने के बाद किर्गिस्तान में भारतीय दूतावास ने भी एक अपडेट जारी किया है कि वो भारतीय छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए विश्वविद्यालयों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसके लिए एंबेसी ने दो हेल्पलाइन 0555710041 और 0555005538 भी जारी किए हैं जो 24×7 काम कर रहे हैं। इस पर संपर्क करने पर छात्रों तक हर तरह की सहायता पहुंचाई जा सकती है।
भारत के नागरिकों के जारी हुई थी एडवाइजरी
किर्गिस्तान में हिंसा के बाद ही वहां रह रहे भारतीय छात्रों के लिए भी भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की थी है और उन्हें घर के अंदर ही रहने के लिए कहा है कि साथ ही सलाह दी है कि वो भारतीय दूतावास से संपर्क करें। उन्हें घरों के अंदर रहने को कहा गया था और किसी भी समस्या के लिए संपर्क नंबर 0555710041 पर कॉन्टैक्ट करने को कहा गया था।
इसलिए हो रही हिंसा
बता दें कि किर्गिस्तान के बिश्केक में बीते कुछ दिनों से भीषण हिंसा भड़क गई है। दरअसल ये विवाद शुरू हुआ 13 मई को…इस दिन बिश्केक के एक छात्रावास में पाकिस्तानी छात्रों से किर्गिस्तान के छात्रों का विवाद हो गया था। ये झगड़ा इतना बढ़ गया कि किर्गिज़ के छात्र पाकिस्तान और विदेशी छात्रों के खिलाफ हो गए। यहीं से इस विवाद ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। किर्गिज़ छात्रों ने हिंसा भड़का दी और उन्होंने मिलकर पाकिस्तानी छात्रों को पकड़ लिया और इन्हें इतना पीटा कि इनमें से 4 छात्रों की मौत हो गई। इस मामले के बाद बिश्केक में पाकिस्तानी छात्र और नागरिक पर हैं। भीड़ उन्हें चुन-चुन कर मारपीट कर रही है। ऐसे में पाकिस्तानी नागरिक बेहद खौफ में हैं। इसके अलावा किर्गिज़ के ये छात्र विदेशी छात्रों को भी निशाना बना रहे हैं।