
सुलतानपुर. Kartik Purnima- 19 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा है। हिन्दू धर्म में या सनातन संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों विशेषकर गंगा स्नान का बहुत ही धार्मिक महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के महत्व के बारे में विष्णु पुराण में कहा गया है कि कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की भी परंपरा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किये जाने वाले स्नान, ध्यान, जप- तप और दान करने से होने वाले प्रभाव के बारे में बता रहे हैं आचार्य डॉ. शिव बहादुर तिवारी।
आचार्य डॉ. तिवारी ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान करने, कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में करें स्नान करने के महत्व के बारे में बताते हुए कहते हैं कि कार्तिक मास की पूर्णिमा इस साल 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ रही है। आचार्य ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की पूजा-अर्चना का वशेष महत्व माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले दान-पुण्य, स्नान-ध्यान तथा धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं।
ऐश्वर्य और धन चाहिए तो करें यह दान
आचार्य डॉ तिवारी बताते हैं कि धार्मिक ग्रन्थों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद दीपदान के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा का विधान है। इसका जीवन में विशेष महत्व है और मान्यता है। हिंदू धर्म ग्रन्थों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से पुण्यफल भी दोगुना मिलता है। इस दिन क्षमता के अनुसार गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है और जो व्यक्ति भेड़ का दान करते हैं। कहा गया है कि इस दिन भेंड़ दान करने से ग्रहयोगों से मिलने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखने वालों को हवन जरूर करना चाहिए।
जीवन में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
आचार्य ने कार्तिक पूर्णिमा के महत्व को समझाते हुए बताया कि कार्तिक मास की पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र 11 पूर्णमासियों में से सबसे पवित्रतम है। इस दिन किये गए दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं। यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है। उन्होंने बताया कि अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो यह महापूर्णिमा कहलाती है। इस दिन संध्याकाल में दीपदान करने से अगले जन्म में भी कष्ट दूर होता है।
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
आचार्य डॉ शिवबहादुर तिवारी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 19 नवम्बर को है। लेकिन पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर को रात 12 बजकर 02 मिनट से आरंभ हो जाएगी और पूर्णिमा तिथि 19 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक रहकर समाप्त हो जाएगी।
Published on:
18 Nov 2021 05:40 pm
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