
डस्टबिन में डालिए कचरा, खाते में आएंगे रुपए
नवसारी. सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को नवसारी की प्राथमिक शाला के शिक्षक ने विद्यार्थियों के सहयोग से डिजिटल डस्टबिन बनाकर गति प्रदान करने का प्रयास किया है। डस्टबीन में कागज और प्लास्टिक का कचरा फेंकने पर उसके वजन के अनुसार रुपए मिलेंगे और वह सीधे उसके बैंक खाते में।
केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छता मिशन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। स्थानीय स्वराज संस्थाओं को इस अभियान में जोडऩे के लिए शहरी व ग्रामीण स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है। नवसारी के घेलखड़ी की नगर प्राथमिक मिश्र शाला नंबर 8 के शिक्षक मेहुल पटेल ने स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अनूठा कारनामा किया है। उन्होंने इंस्पायर अवार्ड मानक 2018 में जिला स्तरीय प्रदर्शनी में अपने विचार को जीवंत करते हुए कक्षा आठ के छात्र ओम गुप्ता के सहयोग से डिजिटल डस्टबिन प्रोजेक्ट बनाया। इसकी खासियत है कि यह डस्टबिन स्मार्ट कार्ड से खुलेगा और फेंके गए कागज या प्लास्टिक के कचरे का वजन पता चलेगा। कचरे के वजन के अनुसार कचरा फेंकने वाले के खाते में सीधे रुपए जमा होंगे तथा इसका मैसेज भी मोबाइल पर मिलेगा। इस प्रोजेक्ट को जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला है और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी यह अव्वल रहा। जहां से राष्ट्रीय स्तर की इंस्पायर अवार्ड मानक प्रदर्शन के लिए इस डिजिटल डस्टबिन प्रोजेक्ट को चयनित किया गया है। दिल्ली में इसे 14 और 15 फरवरी को प्रदर्शित किया जाएगा।
ऐसे करेगा काम
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सभी घरों और दुकानों में स्मार्ट स्वच्छता कार्ड दिया जाएगा। इसके ऊपर बारकोड नंबर से घर मालिक या दुकानदार का बंैक खाता जुड़ा रहेगा। स्मार्ट स्वच्छता कार्ड डस्टबिन के स्लाट में डालने पर ही डस्टबिन खुलेगा। इसमें कागज और प्लास्टिक के लिए अलग-अलग डिब्बे होंगे। जैसे ही कचरा डस्टबिन में गिरेगा, उसका वजन कचरा फेंकने वाले को डिजिटल मीटर में दिखेगा। इसके साथ ही कचरा फेंकने वाले के स्मार्ट स्वच्छता कार्ड का बारकोड स्कैन होने से उसके खाते में कचरे के वजन के मुताबिक रुपए जमा होंगे।
कागज या प्लास्टिक का कचरा ही चलेगा
अगर डिजिटल डस्टबिन में कागज या प्लास्टिक के अलावा अन्य कचरा फेंका गया तो कार्ड ब्लॉक हो जाएगा। डस्टबिन से स्थानीय संस्था कचरा लेकर उसे सीधे रिसाइकल फैक्ट्री को देगी और इससे लोगों को देने के लिए रुपए मिलेंगे। कचरे के बदले में रुपए मिलने से लोग कचरा यहां वहां नहीं फेकेंगे। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वित होने पर भारत सरकार के स्वच्छता मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
मेहुल पटेल, प्रोजेक्ट निर्माता शिक्षक
प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित हूं
हमारा डिजिटल डस्टबिन प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर जा रहा है। इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं। रुपए मिलने के कारण लोग कचरा सीधे डस्टबीन में ही डालेंगे और इससे गंदगी भी नहीं होगी और शहर स्वच्छ रहेगा।
ओम गुप्ता, मिश्र शाला नंबर 8 का छात्र
Published on:
10 Feb 2019 11:20 pm
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