
सूरत में जश्न-ए-जन्नत की सूरत
सूरत.
जम्मू-कश्मीर को लेकर बीते कुछ दिनों से व्याप्त संशय से संसद में सुबह 11 बजे जैसे ही पर्दा उठा, सूरत समेत समग्र दक्षिण गुजरात में भी खुशी की लहर छा गई। जम्मू-कश्मीर राज्य को दो हिस्सों में बांटकर जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने तथा उससे अलग हुए हिस्से लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने का मोदी सरकार का फैसला लोगों को खूब रास आया।
कपड़ा और हीरा बाजार ही शहर की गलियों-सडक़ों पर भी जश्न का माहौल तारी रहा। घरों, दुकानों और दफ्तरों से लोग बाहर निकले और पटाखे फोडक़र, मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया और झूमकर नाचे भी। आजादी के बाद जन्मे लोगों के लिए यह जश्न सन 1947 मेंं हुए आजादी के जश्न से कम नहीं था। लोगों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि इससे विकास की राह खुलेगी और देश को आतंकवाद से मुक्ति मिलेगी।
कपड़ा व्यापारियों ने लहराए तिरंगे, मार्केट-मार्केट बंटी मिठाइयां
सूरत में सुबह से कपड़ा व्यापारी दम साध कर टीवी के आगे बैठे थे। जैसे ही संसद की कार्रवाई शुरू हुई और गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर मसले पर केंद्र सरकार का रुख साफ किया, प्रस्ताव पेश करते ही कपड़ा व्यापारी हर्षध्वनि करते हुए मार्केट से बाहर निकल आए और व्यवसाय छोडक़र परिसर में इकटठा हो गए। आनन-फानन में ढोल ताशे बुला लिए गए। मिठाइयों के आर्डर चलने लगे। कुछ ही समय में सिल्क सिटी, जेजे मार्केट, शंकर मार्केट, पूनम मार्केट, मिलेनियम मार्केट, अशोका मार्केट समेत कई अन्य मार्केट क्षेत्रों में भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे।
कर्मचारी और श्रमिक भी इकट्ठा हुए और दूसरी आजादी का जश्न मनाने में जुट गए। एक-दूसरे को जी भरकर मिठाइयां खिलाईं और बधाइयां दीं। यह जश्न न केवल कपड़ा मार्केट सूरत शहर के गली-मोहल्ले, सोसायटियों में भी दिखा। राजस्थान बहुल इलाके पर्वत पाटिया, डिंडोली, सिटीलाइट, भटार, वेसु व अन्य स्थानों पर भी लोगों ने जश्न मनाया।
Published on:
05 Aug 2019 09:56 pm
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