
BJP NEWS: गुजरात-महाराष्ट्र के उद्यमियों के नाम आया बेनामी पत्र
सूरत. दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने के राजनीतिक मार्ग उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज उठा है। चुनावी संग्राम की घोषणा होते ही देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तरप्रदेश में राजनीतिक उठापटक भी तेज हो गई है और इस उठापटक के बीच एक बेनामी लेटर यूपी से चलकर गुजरात-महाराष्ट्र के नाम सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल पत्र में गुजरात-महाराष्ट्र के उद्यमियों को उनके यहां कार्यरत उत्तरप्रदेश के प्रवासियों को चुनाव के दौरान मतदान के लिए भेजने का अनुरोध किया गया है।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश समेत पंजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर के विधानसभा चुनाव घोषित हो चुके हैं और सबकी नजरें 10 मार्च को घोषित होने वाले यूपी के जनादेश पर टिकी है। जनता-जनार्दन का फैसला अपने-अपने पक्ष में लाने के लिए भाजपा-कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल पूरी जद्दोजहद कर रहे हैं। पहले-दूसरे चरण के मतदान के लिए अधिकांश पार्टियों के प्रत्याशी भी घोषित हो गए हैं और चुनाव प्रचार के नगाड़े की गूंज भी कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचने लगी है। अब यह गूंज उत्तरप्रदेश के रास्ते गुजरात और महाराष्ट्र तक भी सुनाई देने लगी है। इसी सिलसिले में एक बेनामी पत्र सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है और उसमें गुजरात-महाराष्ट्र के उद्यमियों से उनके फेक्ट्री, कारखाने व अन्य तरह के व्यावसायिक केंद्र पर कार्यरत उत्तरप्रदेश के प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए भेजने का अनुरोध किया गया है। हालांकि गुजरात की औद्योगिक राजधानी सूरत समेत आसपास के व्यावसायिक शहर-कस्बों के प्रवासियों के बीच वायरल पत्र के मामले में फिलहाल इसकी अधिक चर्चा नहीं है, लेकिन उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी रुचि भी बातचीत में अब दिखाई देने लगी है।
-अकेले गुजरात में 70 प्रतिशत से ज्यादा
आंकड़ों के मुताबिक उत्तरप्रदेश के सवा से डेढ़ करोड़ मतदाता गुजरात-महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में बसे हैं। गुजरात के विभिन्न शहर-कस्बों के व्यापार-उद्योग में करीब एक करोड़ लोग कार्यरत है। इनमें 70 प्रतिशत गैर गुजराती है और उनमें अधिकांश उत्तरप्रदेश व बिहार के हैं। गुजरात राज्य के फार्मा, रसायन, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, सिरेमिक, टैक्सटाइल, ऑटोमोबाइल आदि व्यापार-उद्योग में उत्तरप्रदेश के प्रवासियों की संख्या 50 लाख करीब मानी जा रही है।
-अकेले सूरत में ही बसे हैं पांच-छह लाख प्रवासी
गुजरात की औद्योगिक राजधानी सूरतनगरी में उत्तरप्रदेश समेत देश के कई राज्यों के प्रवासी लोग बड़ी संख्या में बसे हैं। इनमे उत्तरप्रदेश के प्रवासियों की संख्या ही पांच-छह लाख तक आंकी जाती है। इस बारे में प्रवासी सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र शुक्ला बताते हैं कि सूरत शहर व जिले में ज्यादातर उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल व अवध क्षेत्र के लोग वस्त्र समेत अन्य व्यापार-उद्योग में सक्रिय है। इसमें जौनपुर, भदोही, देवरिया, प्रतापगढ़, अयोध्या, प्रयागराज, गोंडा, सुल्तानपुर गोरखपुर, मैनपुरी, इटावा, बांदा जिले शामिल है।
-शहर-कस्बों में बड़ी संख्या में बसे यूपी के लोग
गुजरात के सूरत में जहां 5-6 लाख उत्तरप्रदेश के प्रवासी है वहीं, इतनी ही संख्या अहमदाबाद में भी है। इसके अलावा राजकोट, भावनगर, जामनगर, वड़ोदरा आदि में दो-दो लाख से ज्यादा उत्तरप्रदेश के प्रवासी बताए गए हैं। इसके अलावा भरुच-अंकलेश्वर, वापी, वलसाड और दमण-सिलवासा में उत्तरप्रदेश के प्रवासियों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा बताई गई है। इन शहर-कस्बों के अलावा गुजरात के अधिकांश व्यावसायिक केंद्रों पर भी उत्तरप्रदेश के प्रवासी लोग बड़ी संख्या में बसे हुए हैं।
-बनाई जा रही है योजना
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के सिलसिले में पार्टी संगठन की ओर से योजना बनाई जा रही है। गुजरात भाजपा के भाषा-भाषी प्रकोष्ठ की ओर से सभी जिलों में बैठकें कर प्रवासी मतदाताओं के आंकड़े भी संग्रहित किए जा रहे हैं।
-रोहित शर्मा, संयोजक, गुजरात भाजपा अन्य भाषा-भाषी प्रकोष्ठ
-लोकतंत्र की परम्परा, फिलहाल कोई बात नहीं
यूपी के विधानसभा चुनाव मामले में सूरत के कपड़ा उद्योग में प्रवासी मतदाताओं को भेजने-भिजवाने की फिलहाल कोई बात सामने नहीं आई है। हालांकि लोकतंत्र की परम्परा रही है कि यहां से वहां जाकर लोग मतदान करते हैं।
-कैलाश हाकिम, युवा कपड़ा उद्यमी
Published on:
16 Jan 2022 06:29 pm
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