
रक्षा मंत्रालय में अटकी हैलीबॉर्न सर्वे रिपोर्ट को मंजूरी
सूरत. नदी के नीचे बहती नदी के बहाव को समझने के लिए मनपा प्रशासन ने जो हैलीबॉर्न सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट को रक्षा मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी है। मंत्रालय से मंजूरी की सूचना मिलते ही मनपा ने तापी नदी में पांच नए बोर के लिए कवायद शुरू कर दी है।
मनपा प्रशासन ने विजन 2040 के तहत भविष्य में पानी की जरूरतों पर रिपोर्ट तैयार की थी। भविष्य में लोगों की प्यास बुझाने के उपाय अभी से करने की जरूरत को देखते हुए हाइड्रोलिक टीम ने पेयजल के लिए अन्य स्रोतों की खोज शुरू की। तापी के तल के नीचे बह रही भूगर्भ नदी में अकूत भूजल भंडार की संभावनाएं देखते हुए मनपा प्रशासन ने हैदराबाद की एनजीआरआइ से एक्वीफर मैपिंग कराई थी।
रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद एनजीआरआइ ने अप्रेल 2017 में नदी के नीचे बहती नदी के बहाव को मापने का काम शुरू किया और अक्टूबर में हैलीबॉर्न सर्वे पूरा कर लिया। इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले एनजीआरआइ ने एक्वीफर मैपिंग से मिला डाटा और उसका क्रिटिकल एनालासिस अध्ययन के लिए रक्षा मंत्रालय को भेजा था। उसके बाद से मामला रक्षा मंत्रालय में अटका हुआ था।
रक्षा मंत्रालय ने लंबे इंतजार के बाद एक्वीफर मैपिंग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। 4 अगस्त को इसकी सूचना मनपा प्रशासन को मिली तो हाइड्रोलिक टीम ने नदी में चिन्हित स्थलों पर पांच नए बोर करने की कवायद शुरू कर दी। इनमें एक बोर हैड वाटर वक्र्स पर और चार वालक के पास किए जाएंगे।
इस तरह तैयार हुई रिपोर्ट
सर्वे के दौरान टीम ने हैलीकॉप्टर से नदी क्षेत्र पर उड़ान भरकर सैंसरिंग से डाटा एकत्र किया था। 268 वर्गमीटर क्षेत्र में नदी के तल से 500 मीटर नीचे तक 13 हजार लाइन किमी पर सैंसरिंग कर एक्वीफर स्पॉट चिन्हित किए गए। इससे पहले टीम ने सितंबर 2017 में इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी मैथड से सर्वे कर डाटा एकत्र किए थे। दोनों रिपोट्र्स का मिलान कर एनजीआरआइ ने एनेलिटिकल स्टडी रिपोर्ट तैयार की, जिसे मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेजा गया।
इसलिए जरूरी थी मंजूरी
हैलीबॉर्न सर्वे के आंकड़े कई बार सामरिक नजरिए से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। समुद्र किनारे और नदियों में एक्वीफर मैपिंग की रिपोर्ट की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। उनकी गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए हैलीबॉर्न सवे की रिपोर्ट जारी करने से रक्षा मंत्रालय उसकी समीक्षा करता है। जानकारों के मुताबिक सूरत समुद्र किनारे का शहर है, ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने सतर्कता बरतते हुए रिपोर्ट की समीक्षा में अतिरिक्त समय लिया होगा।
रिपोर्ट सकारात्मक
रक्षा मंत्रालय से मंजूरी के बाद मिली रिपोर्ट सकारात्मक है। हमने जैसी उम्मीद जताई थी, ऐसे ही परिणाम मिले हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद पांच नए बोर के लिए हाइड्रोलिक टीम ने अपनी ओर से कवायद शुरू कर दी है।
के.एच. खटवाणी, एडीशनल सिटी इंजीनियर, मनपा
Published on:
08 Aug 2018 06:18 pm
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