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सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रित करने को उत्राण, भेस्तान का विकास जरूरी

सूरत और उधना रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधायुक्त बनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसके साथ-साथ नजदीक के रेलवे स्टेशन जैसे नियोल, भेस्तान और उत्राण स्टेशनों को विकसित करने की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। भविष्य में उधना गुड्स यार्ड को नियोल में शिफ्ट होने के बाद वहां सवारी गाडिय़ों तथा यात्रियों के लिए नए प्लेटफार्म आदि विकसित किया जा सकता है। वहीं, भेस्तान और उत्राण रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी योजना बना रहे हैं।

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सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रित करने को उत्राण, भेस्तान का विकास जरूरी

सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रित करने को उत्राण, भेस्तान का विकास जरूरी

पश्चिम रेलवे के मुम्बई मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बातचीत में बताया कि जिस तरह से सूरत शहर का विकास और जनसंख्या बढ़ रही है, उसको देखते हुए अब जरूरी है कि शहर के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को अव्वल दर्जे पर अपग्रेड किया जाए। अगले तीन से चार वर्ष में सूरत और उधना रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य पूरा हो जाएगा। इससे यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलने लगेगी। साथ ही सूरत और उधना स्टेशन के आसपास अन्य रेलवे स्टेशनों तथा खाली जगहों पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसको लेकर पश्चिम रेलवे भविष्य की योजना बना रहा है।

डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) की नई लाइन का ट्रायल कुछ दिन पहले ही वाया भेस्तान से गोठन गाम स्टेशन के बीच किया गया। इस लाइन के क्रियान्वित होने के बाद मालगाडिय़ों का भार मेनलाइन से घट जाएगा और सवारी गाडिय़ों के परिचालन में अधिक सहुलियत होगी। नियोल रेलवे स्टेशन को मालगाडिय़ों के परिचालन के लिए विकसित किया जा रहा है। भविष्य में उधना गुड्स यार्ड को भी नियोल में शिफ्ट करने का विचार कर रहा है। इसके बाद खाली हुई उधना गुड्स यार्ड की जगह पर सवारी गाडिय़ों और यात्रियों के लिए नए प्लेटफार्म बनाने के साथ स्टेशन के तौर पर कॅनवर्ट करने पर योजना बनाई जा रही है। हालांकि इसमें अभी 5 साल से अधिक का वक्त लगने की बात कही जा रही है।

उत्राण रेलवे स्टेशन का भी होगा विकास

दीपावली और छठ पूजा के लिए 2023 में सूरत स्टेशन पर इतनी भीड़ उमड़ी कि भीड़ अनियंत्रित हुई और पश्चिम रेलवे को बड़ी संख्या में अनारक्षित ट्रेनों को चलाना पड़ा। ऐसी स्थिति को देखते हुए सूरत-उधना के नजदीक स्थित उत्राण रेलवे स्टेशन को भी विकसित करने की योजना बना रहे हैं। हाल में उत्राण रेलवे स्टेशन वडोदरा मंडल के अधीन है। जबकि यह स्टेशन सूरत शहर के दायरे में आता है। इसलिए मुंबई मंडल द्वारा ही उत्राण स्टेशन को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। यहां दो नए प्लेटफार्म बनाने और यात्रियों के लिए सुविधाएं तैयार करने का प्रयास है। इससे सीजन में भीड़ को उधना और भेस्तान की तरह उत्राण में भी डायवर्ट किया जा सके।

नियोल पर अतिरिक्त ट्रैक बनकर तैयार

अधिकारियों ने बताया कि नियोल रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त ट्रैक बनकर तैयार हो गए हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा उधना गुड्स यार्ड की मालगाडिय़ों को नियोल में स्थानांतरित करने की योजना है। वहीं, उधना गुड्स यार्ड को यात्री गाडि़यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। गुड्स यार्ड को नए प्लेटफार्म और स्टेशन में बदलने से सीजन में स्पेशल ट्रेनों को डायवर्ट कर भीड़ नियंत्रित की जा सकेगी। अतिरिक्त रैक होने पर इस क्षेत्र में ट्रेनों को खड़ा भी किया जा सकेगा।

भेस्तान में सुविधाएं नहीं मिलने से यात्री परेशान

पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल का अंतिम स्टेशन सूरत है। बान्द्रा से शुरू होकर ताप्ती लाइन में जाने वाली ट्रेनों को भेस्तान से डायवर्ट किया जाता है। भेस्तान स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव देने के बाद भी जरूरी मूलभुत सुविधाओं का अभाव है। भेस्तान से गुजरने वाली ट्रेनों में चोरी-लूटपाट की घटनाएं आम हैं। यात्रियों के लिए प्लेटफार्म ट्रैक लेवल पर होने के साथ-साथ उनकी संख्या भी सिमित है। इससे यात्रियों को ट्रेन में चढऩे-उतरने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।