
surat news : दस अलग अलग लेपटॉप व पीसी का किया था उपयोग
सूरत. बिट कनेक्ट क्रिप्टो करेंसी घोटाले के आरोप में दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़े गए वेबडवलपर धवल मावाणी दस अलग अलग लेपटॉप व पर्सनल कंप्युटर का उपयोग करता था। सीआइडी क्राइम ने मंगलवार शाम उसे दिल्ली से सूरत लाने के बाद अठवालाइन्स स्थित अदालत में पेश कर सात दिन के रिमांड पर लिया है। सीआइडी सूत्रों के मुताबिक २०१६ में बिटकनेक्ट लिमिटेड कंपनी बना कर यूके में उसका रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद वेब डवलपर धवल मावाणी ने ही तीन वेबसाइट तैयार की थी। इनके संचालक के लिए वह दस अलग अलग लेपटॉप व पर्सनल कंप्युटर का उपयोग करता था। इस काम को अंजाम देने के लिए उसने उधना अनुपम आर्केड स्थित अपने कार्यालय में दस कर्मचारियों को रखा था। उसके पास बिट कनेक्ट कंपनी के बिट कॉइन, लाइट कॉइन के चार एक्सेस है। उसके चार वॉलेट में १८४५ व २२५७ बिट कॉइन तथा ११ हजार लाइट कॉइन है। मुख्य आरोपी सीतष कुंभाणी के कहने पर उसी ने बीट कनेक्ट एक्स कंपनी की वेबसाइट के पेज बनाने का काम निकुंज को सौंपा था। मावाणी ने ही शैलेष भट्ट को फिरौती के तौर पर १४.५० करोड़ रुपए दिए थे। सीआइडी को मावाणी से पूछताछ में बिटकनेक्ट घोटाले के और भी कई राज खुलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि मुख्य आरोपी सतीष कुंभाणी ने अपने साथियों दिव्येश दर्जी, सुरेश गोरसिया, धवल मावाणी व अन्य आरोपियों के साथ मिल कर क्रिप्टो करेंसी घोटाले को अंजाम दिया था। उन्होंने यूके में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद जनवरी २०१७ में बिटकनेक्ट कॉइन लॉंच किया था। अमरीका,दुबई, साउथ-ईस्ट, जापान, कोरिया समेत कई देशो में कार्यक्रम कर इसकी मार्केटिंग की थी। निवेश पर एक महीने में ३० फीसदी मुनाफा और रेफरेंस पर ५ फीसदी बोनस का झांसा देकर करोड़ों रुपए का निवेश करवाया था। शुरू में कुछ लोगो को इसका फायदा देकर उन्होंने कारोबार बढ़ाया और फिर कंपनी बंद कर दी थी। इस संबंध में पिछले साल सीआइडी क्राइम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीआइडी ने दिव्येश दर्जी, संतीष कुंंभाणी, सुरेश गोरसिया व राकेश सवाणी को गिरफ्तार किया था।
Published on:
30 Jul 2019 09:38 pm
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