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बीएससी विद्यार्थियों के लिए मंत्रा का डीटीसी कोर्स शुरू

प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में श्रमिकों की समस्या दूर करने का प्रयास

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बीएससी विद्यार्थियों के लिए मंत्रा का डीटीसी कोर्स शुरू

सूरत.

स्थानीय कपड़ा उद्योग इन दिनों श्रमिकों की कमी से जूझ रहा है। नई टैक्नोलॉजी वाली मशीनें चलाने के लिए जानकार श्रमिकों की कमी उद्यमियों को परेशान कर रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए मैन मेड टैक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (मंत्रा) ने डिप्लोमा कोर्स शुरू किया है।
डीटीसी (डिप्लोमा इन सिंथेटिक टैक्सटाइल केमिस्ट्री) नाम का यह कोर्स बीएससी पास विद्यार्थी कर सकते हैं। कोर्स सूरत की डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने इस कोर्स का सपोर्ट किया है और इसे करने वालों को जॉब की गारंटी दी है। कोर्स में तीन सेमेस्टर होंगे। दो सेमेस्टर में पढ़ाई और तीसरे सेमेस्टर में ट्रेनिंंग होगी। ट्रेङ्क्षनग के बाद विद्यार्थी को 7000 रुपए स्टाइपेंड पर रखा जाएगा। यह कोर्स मंत्रा की ओर से पहले भी चलाया जाता था, लेकिन 1998 के बाद बंद कर दिया गया था। कोर्स के बारे में शुक्रवार को मंत्रा कार्यालय में सेमिनार रखा गया।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण गुजरात में लगभग 400 डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट हैं। इनमें पढ़े-लिखे श्रमिकों की कमी के कारण उद्यमी चिंतित हैं। वह नई टैक्नोलॉजी वाली मशीनें लाना चाहते हैं, लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

इ-वे बिल का पार्ट-बी नहीं भरकर गोलमाल
सूरत.

कई व्यापारियों की ओर से इ-वे बिल में आधा-अधूरा फॉर्म भरकर जीएसटी की चोरी किए जाने का खुलासा हुआ है।
सूरत में स्टेट जीएसटी विभाग की पेट्रोलिंग टीम ने पिछले सप्ताह फिल्म के प्रिंट से भरा एक ट्रक पकड़ा था, जिसमें 20 लाख रुपए का माल था। ट्रक ड्राइवर ने इ-वे बिल मांगने पर आधा फॉर्म ही दिया। उसके पास पार्ट-बी नहीं था। जांच करने पर पता चला कि कुछ व्यापारी इ-वे बिल का आधा फॉर्म भरते हैं। वह पार्ट-बी नहीं भरते और ट्रकों में माल भेज देते हैं। पार्ट-बी भरते ही माल पहुंचाने का समय तय हो जाता है। इस तरह वह एक ही बिल पर दो-तीन बार माल भेज देते हैं। गुरुवार को अहमदाबाद में स्टेट जीएसटी अधिकारियों की मीटिंग में सूरत के अधिकारियों ने इस तरह की जालसाजी का खुलासा किया।
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