पिछले लंबे समय से निजी स्कूलों की फीस को लेकर विवाद चल रहा था। एफआरसी की ओर से तय फीस को कई निजी स्कूल स्वीकार नहीं रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में चलने की बात कहकर मनमानी फीस वसूल रहे हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एफआरसी की ओर से तय फीस स्कूलों को मानने का आदेश दिया गया है। इससे पहले स्कूल एफआरसी की ओर से तय फीस स्वीकार करते नहीं थे। एफआरसी के पास ऐसे कई स्कूलों की शिकायत पहुंची है। हालांकि एफआरसी नेे शहर के किसी भी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। एफआरसी की दलील होती थी कि स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एफआरसी पावर में आ गया है। एफआरसी के सदस्यों का कहना है कि अब स्कूल तय फीस स्वीकार नहीं करेगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पहले तो 5 लाख से 10 लाख तक का जुर्माना वसूला जाएगा। फिर भी आदेश का पालन नहीं किया तो स्कूल की मान्यता रद्द की जाएगी। एफआरसी का यह भी कहना है कि इस मामले में अभी तक सरकार की ओर से उन्हें कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिली है। मामला सुप्रीम कोर्ट में चलने के कारण उनके हाथ बंधे थे। अब जब अभिभावकों के पक्ष में फैसला आया है तो एफआरसी के अधिकार का पूरा उपयोग किया जाएगा।