
आखिरकार खेरगाम में शुरू हुई दूध संजीवनी योजना
खेरगाम. तहसील में आखिरकार शुक्रवार से दूध संजीवनी योजना शुरू हो गई। खेरगाम की 52 स्कूलों और दो आश्रमशाला के 6061 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। करीब चार साल पहले राज्य सरकार द्वारा आदिवासी विस्तार के बच्चों में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई थी, लेकिन खेरगाम में इसे लागू नहीं किया गया था।
राजस्थान पत्रिका में छह अक्टूबर 2018 को खेरगाम के हजारों विद्यार्थी दूध से वंचित शीर्षक से सबसे पहले खबर छापकर आदिवासी बच्चों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। शुक्रवार को गणदेवी विधायक नरेश पटेल, जिला पंचायत सदस्य गुणवंती पटेल, भाजपा तालुका प्रमुख चुनी पटेल समेत ग्रामीण की उपस्थिति में स्कूल के विद्यार्थियों को दूध पिलाकर इस योजना को शुरू किया गया। इससे आदिवासी बच्चों और उनके अभिभावकों में खुशी फैल गई। जानकारी के अनुसार यह योजना लंबे समय से वांसदा और चिखली तहसील में चल रही थी। इसके अंतर्गत सरकारी स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को विटामिन तथा प्रोटीन युक्त 200 मिली दूथ दिया जाता है। खेरगाम तहसील अभी तक इसमें शामिल नहीं था, लेकिन अब से तहसील के 11 गांवों में 52 स्कूलों तथा 2 आश्रम शाला के हजारों विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इस संबंध में वांसदा विधायक अनंत पटेल, खेरगाम भाजपा प्रमुख चुनी पटेल की अगुवाई में पूर्व में तहसीलदार को ज्ञापन देने से लेकर धरना प्रदर्शन भी किया गया था।
कबूला-तकनीकी खामी के चलते हुआ विलंब
दूध संजीवनी योजना को शुरू करवाते हुए बताया गया कि तकनीकी खामी के कारण तहसील में योजना को लागू होने में विलंब हुआ। सरकार सभी को साथ लेकर चलना चाहती है। विधायक ने कहा कि पूरे देश में गुजरात ही एकमात्र राज्य है जहां आदिवासी बालकों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता कर दूध संजीवनी योजना चला रही है। वहीं, जिला पंचायत सदस्य गुणवंती बेन पटेल ने कांग्रेस विधायक को आमंत्रण नहीं देने पर नाराजगी जताई।
Published on:
01 Feb 2019 09:53 pm
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