सरकार ने शराब, हुक्काबार और गौकशी के दूषण को खत्म करने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। उन्होंने ६.२२ करोड़ रुपए की लगात से बने पुलिस मुख्यालय, १.२४ करोड़ रुपए की लागत से बने अडाजण थाने, ३ करोड़ रुपए की लागत से बने क्राइम ब्रांच थाने और पुलिस आयुक्त कार्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम का उद्घाटन किया।
लोग पुलिस से डरते हैं, कानून से नहीं
पुलिस महकमे के तीन महत्वपूर्ण प्रकल्पों के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित समारोह में पुलिस आयुक्त सतीष शर्मा ने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि लोग पुलिस से डरते हैं, कानून से नहीं, जबकि लोगों को कानून से डरना चाहिए, पुलिस तो उनकी मदद के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारे पास विश्वस्तर का सीसीटीवी सिस्टम है।
हम इसे और बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमने यातायात व्यवस्था में सुधार किए हंै। इसकी वजह से सडक़ हादसों में होने वाली मौतें ४४ फीसदी तक कम हुई हैं। पिछले एक साल में ६३५ पुलिसकर्मियों की नई नियुक्तियां हुई हैं, लेकिन समय के साथ जरूरतें भी बढ़ रही हैं।
फिसली जुबान
संजीव कुमार ऑडिटोरियम में भाषण के दौरान शराब को लेकर बने कड़े कानून के फायदे गिनाने के दौरान मंत्री की जुबान फिसल गई। वह आत्महत्या के मामले कम होने के बजाय यह बोल गए कि आत्महत्या के मामले बढ़े हैं।