
Future smart city models are spreading dustbins only, eyes of dirty administration, closed eyes
सूरत।हालात बता रहे हैं कि शहर की तीन फीसदी आबादी के लिए जुटाई जा रही सहूलियतों में भी मनपा प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं। एक ओर मनपा प्रशासन शहर को कंटेनर फ्री करने के मंसूबे बांधे हुए है, दूसरी ओर करोड़ों खर्च कर लगाए गए भूमिगत स्मार्ट कंटेनरों का हाल बुरा है। जो हालत है, उससे साफ है कि ठेकेदारों के भरोसे सारा कामकाज छोड़ चुके मनपा अधिकारियों के लिए उसकी मॉनिटरिंग भी मुश्किल हो रही है। लापरवाही का आलम यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार पिछडऩे के बावजूद मनपा प्रशासन सबक सीखने को तैयार नहीं है।
एरिया बेस डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत शहर की तीन फीसदी आबादी के लिए मनपा प्रशासन बीते तीन बरस से स्मार्ट सिटी का साजो-सामान जुटाने में लगा है। इसके बावजूद काम पर पकड़ नहीं बन पा रही है। लोगों की जीवन शैली को बेहतर करने के लिए जिस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर अमल शुरू किया गया, वही लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। ट्रैफिक को आसान बनाने के नाम पर रास्तों के बेतरतीब डायवर्जन ने लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है।
कचरापेटियां हटाकर करोड़ों खर्च कर भूमिगत स्मार्ट कंटेनर रखे गए। उस समय तर्क दिया गया कि खुली कचरा पेटियों से कचरा बाहर निकल आता है और पशु इसे रास्ते और दूसरी जगहों पर फैला कर गंदगी करते हैं। इन कंटेनरों के रखे जाने से कचरा बाहर नहीं निकलेगा और रास्ते में गंदगी नहीं होगी, लेकिन स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ड डवलपमेंट क्षेत्र की मॉडल रोड पर लगी मॉडल कचरा पेटी दूसरी ही कहानी सामने रख रही है।
शहर के लिए मॉडल रोड बने आइमाता रोड पर लगी आधुनिक कचरा पेटी का ढक्कन खुला पड़ा है और कचरा दिख ही नहीं रहा, बाहर भी निकला पड़ा है। आसपास जमा हुए पशु इसे खींचकर दूसरी तरफ ले जाने की जुगत में लगे हैं। यह कोई आज का मामला नहीं है। बीती ११ सितंबर को भी इस कंटेनर की यही हालत थी। मनपा प्रशासन इसे लेकर गंभीर नहीं हुआ है। मंगलवार को भी हालात जस के तस रहे और बाहर निकल रहे कचरे से पशु खिलवाड़ करते दिखे।
ऐसे काम करता है स्मार्ट कंटेनर
मनपा प्रशासन के मुताबिक भूमिगत स्मार्ट गार्बेज कंटेनर में लोग कचरा डाल तो सकते हैं, लेकिन इसे बाहर निकालना संभव नहीं है। इसके लिए हाइड्रोलिक गाड़ी आती है, जो बॉक्स को उठाकर कचरा गाड़ी में डाल लेती है। हाइड्रोलिक सिस्टम के बगैर कंटेनर को उठा पाना संभव नहीं है। लोगों के लिए यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि जब कचरा निकालना आदमी के लिए संभव नहीं हो, कंटेनर खुद कैसे कचरा उगल रहा है। उससे ज्यादा हैरानी इस बात को लेकर है कि आखिर प्रशासनिक मशीनरी इस पर ध्यान क्यों नहीं दे रही।
Published on:
13 Oct 2018 12:24 am
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