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जानें क्यों यहां अंतिम संस्कार के लिए हो रही जद्दोहजद?

चंडोर में श्मशान घाट पर गैस भट्टी बंद, बारिश के दौरान गीली लकड़ी के कारण दाह संस्कार में हो रही परेशानी, दमण गंगा श्मशान घाट का रुख कर रहे परिजन

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सूरत

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Vineet Sharma

Oct 07, 2019

जानें क्यों यहां अंतिम संस्कार के लिए हो रही जद्दोहजद?

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वापी. चंडोर में दमण गंगा नदी किनारे नगर पालिका द्वारा जनभागीदारी से तैयार श्मशान के रख रखाव में बरती जा रही कोताही से लोगों को अपने स्वजनों के दाह संस्कार के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एक महीने से यहां गैस आधारित भट्टी खराब होने से वापी क्षेत्र के लोगों को जीआईडीसी क्षेत्र में दमण गंगा श्मशान घाट पर जाना पड़ता है।

जानकारी के अनुसार नगर पालिका के साथ मिलकर अनाविल युवक मंडल ने ग्राम पंचायत की जमीन पर श्मशान घाट का निर्माण करवाया था। वापी नपा विस्तार में एक भी श्मशान न होने से इसकी जरुरत महसूस करते हुए मंडल ने इसके लिए पहल की थी। यहां पर शव के दाह संस्कार के लिए लकड़ी से जलाने के लिए तीन चिता बनाई गई है। जबकि एक गैस आधारित है।

धीरे-धीरे गैस की चिता पर दाह संस्कार ज्यादा होने लगा। करीब एक माह से यह खराब है। इस कारण लोगों को हाइवे किनारे जीआईडीसी द्वारा बनाए मुक्तिधाम पर अपने परिजनों के शव को ले जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में लकड़ी से शव जलाने में काफी समय और परेशानी होती है।

इसके अलावा यहां पर अंतिम क्रिया संपन्न होने तक लोगों के बैठने के लिए दो हॉल भी बनाए गए थे। जिसमें एक एसी हॉल था। लेकिन देखरेख के अभाव में एसी चोरी हो गया और पानी के लिए लगाया गया आरओ सिस्टम भी बंद है।

इस संबंध में अनाविल युवक मंडल के अनिल देसाई ने बताया कि गैस आधारित भट्टी नपा द्वारा टेन्डर के माध्यम से साढ़े तीन लाख रुपए में खरीदी गई है। दो दिन में यह गैस आधारित सिस्टम दुरुस्त कर दिया जाएगा। इस काम में देरी होने के लिए नपा अधिकारियों की कोताही जिम्मेदार है।