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देवउठनी एकादशी के अवसर पर शुक्रवार को शहर के अंबिकानिकेतन में अंबाजी मंदिर एवं बालाजी रोड स्थित जुना अंबाजी मंदिर में सुबह से ही माता के चरण कमल के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी। मंदिर में माता के चरणकमल के दर्शन करने का अवसर भक्तों को वर्षभर में कुछ खास मौकों पर ही मिलता है। देवउठनी एकादशी शुक्रवार को मां अंबे के चरणकमल के दर्शन कर शुभाषीश मांगने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल एकादशी के मौके पर देव चौमासे (वर्षाकाल) के चार माह के दौरान शयन की अवस्था में रहते हैं और इस दौरान शुभ कार्य बाधित रहते हैं। इन पर लगी रोक कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थान एकादशी से हटती है। इसी क्रम में शुक्रवार को देवउठनी एकादशी धूमधाम से मनाई गई।
देवउठनी एकादशी के अवसर पर शुक्रवार को शहर के अंबिकानिकेतन में अंबाजी मंदिर एवं बालाजी रोड स्थित जुना अंबाजी मंदिर में सुबह से ही माता के चरण कमल के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी। मंदिर में माता के चरणकमल के दर्शन करने का अवसर भक्तों को वर्षभर में कुछ खास मौकों पर ही मिलता है। देवउठनी एकादशी शुक्रवार को मां अंबे के चरणकमल के दर्शन कर शुभाषीश मांगने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल एकादशी के मौके पर देव चौमासे (वर्षाकाल) के चार माह के दौरान शयन की अवस्था में रहते हैं और इस दौरान शुभ कार्य बाधित रहते हैं। इन पर लगी रोक कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थान एकादशी से हटती है। इसी क्रम में शुक्रवार को देवउठनी एकादशी धूमधाम से मनाई गई।
Published on:
08 Nov 2019 09:11 pm
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