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GTU : तकनीकी कॉलेजों के विद्यार्थियों पर बढ़ सकता है फीस का बोझ!

शिक्षा सत्र 2023-24 में राज्य के तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर अतिरिक्त फीस का बोझ बढ़ सकता है। फीस का नया ढांचा मंजूर नहीं होने से विद्यार्थियों को पुराने ढांचे के अनुसार प्रवेश दिए गए थे। 100 से अधिक स्वनिर्भर तकनीकी कॉलेजों की फीस अब तक तय नहीं हो पाने से विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों पर कभी भी 5 फीसदी अतिरिक्त फीस का भार बढ़ सकता है।

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GTU : तकनीकी कॉलेजों के विद्यार्थियों पर बढ़ सकता है फीस का बोझ!

GTU : तकनीकी कॉलेजों के विद्यार्थियों पर बढ़ सकता है फीस का बोझ!

- पुरानी फीस के अनुसार प्रवेश :
राज्य के स्वनिर्भर डिग्री-डिप्लोमा इंजीनियरिंग, फार्मसी, आर्किटेक्चर, एमबीए-एमसीए कॉलेजों की फीस तय करने के लिए सरकार ने फीस कमेटी का गठन किया है। फीस बढ़ाने के लिए हर तीन साल बाद स्वनिर्भर संचालक फीस कमेटी समक्ष आवेदन करते हैं। कोरोना के कारण पिछले तीन साल से किसी भी कॉलेज में फीस नहीं बढ़ाई गई थी। शिक्षा सत्र 2023-24 की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले राज्य के सभी तकनीकी कॉलेजों को फीस संदर्भ में आवेदन करने की सूचना दी गई थी। 400 से अधिक कॉलेजों ने पुरानी फीस के अनुसार ही प्रवेश देने का एफिडेविट जमा करवाया था।

- इतने कॉलेजों में बढ़ सकती है फीस :
100 से अधिक स्वनिर्भर कॉलेजों ने 5% फीस बढ़ाने प्रस्ताव रखा था। इसमें डिग्री इंजीनियरिंग के 22, एमबीए के 21, फार्मेसी के 20, डिप्लोमा इंजीनियरिंग के 11, एमसीए के 10 व आर्किटेक्चर के 6 कॉलेज शामिल हैं। स्वनिर्भर कॉलेजों के संचालकों के अनुसार, प्रवेश प्रक्रिया में फीस के पुराने ढांचे को ध्यान में रखकर प्रवेश दिए गए हैं। विद्यार्थियों को नए ढांचा लागू होने पर अतिरिक्त फीस भरने की सूचना के बाद प्रवेश सुनिश्चित किए थे। नया ढांचा लागू हुआ तो विद्यार्थियों को अतिरिक्त फीस भरनी पड़ेगी। इसमें सूरत के भी कई कॉलेज शामिल हैं।