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LADY CONSTABLE : “अगर वहां एफओपी नहीं होता तो निर्भया-2 हो जाता” : सुनीता यादव

लोकरक्षक सुनीता यादव सोशल मीडिया पर हुई लाइव - मंत्री पुत्र से तकरार में उलझी सूरत की महिला कांस्टेबल Lokrakshak Sunita Yadav went live on social media- Surat's female constable involved in a quarrel with a minister's son

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sunita yadav live

सूरत. स्वास्थ्य मंत्री कुमार कनानी के पुत्र प्रकाश से तकरार के चलते सोशल मीडिया में चर्चित हुई लोक रक्षक (कांस्टेबल) सुनीता यादव मंगलवार को सोशल मीडिया पर लाइव हुई। उसने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- उस दिन अगर वहां एक एफओपी (फ्रे ंड ऑफ पुलिस) मौजूद नहीं होता तो आप लोग निर्भया-2 का कैंडल मार्च निकाल रहे होते।

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उसने कहा कि मैं नहीं जानती वो कौन था..।" हालांकि ये कब-कहां हुआ? क्या हुआ? और इस बात का मंत्रीपुत्र वाली तकरार से कोई संबंध है या नहीं? ऐसा कोई भी खुलासा सुनीता यादव ने नहीं किया। उसने बताया- मुझे धमकियां मिल रही हैं। दबाव डाला जा रहा है। घटना के बाद से गुमनाम फोन आते हैं। घर पर अनजान लोग आते हैं। मैं किसी का नाम नहीं ले रही, लेकिन आप समझ सकते हंै कि ये सब क्यों हो रहा है। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है। हालांकि पुलिस से मुझे सुरक्षा मिली हुई है..।"

सफाई भी दी :


कांस्टेबल सुनीता यादव ने सोशल मीडिया में वायरल हो रही उसकी तस्वीरों पर सफाई देते कहा कि जो कार पर मैंने राज्य से बाहर जाते समय पुलिस लिखी प्लेट लगाई थी। वो शायद ठीक नहीं था। अपशब्द को लेकर भी कहा कि ऐसे सामान्य शब्द गुस्से में निकलते हैं। मैं अपने भाई को भी बोल देती हूं। मैं भगवान राम नहीं हूं। मेरी तबीयत खराब है। तीन दिन से मैं सो नहीं पाई हूं। अभी अस्पताल से आ रही हूं। मुझे चक् कर आ रहे हैं। फिर भी मुझे लाइव आना पड़ा, क्योंकि मीडिया के सामने नहीं आ सकती। विभागीय कार्रवाई होने के बाद आऊंगी।

आज दूंगी इस्तीफा, फिर करूंगी खुलासा


सुनीता यादव ने कहा कि अभी जो सामने आया है, वो ट्रेलर है। मैं लोकरक्षक हूं। कांस्टेबल से जूनियर हूं। अभी विभागीय कार्रवाई बाकी है। मैंने फोन पर इस्तीफा देने का अधिकारियों से कहा था, लिखित में नहीं दिया। सोमवार को मैं गई थी, लेकिन पुलिस आयुक्त नहीं मिले। बुधवार को मैं फिर इस्तीफा देने जाऊंगी। इस्तीफा मैं डर कर नहीं दे रही।

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मैं आईपीएस बनने और अधिक पॉवर के साथ वापस आने के लिए दे रही हूं। उसके बाद सारी बातें बताऊंगी। मैं एक अनुशासित विभाग में हूं, इसलिए फि लहाल मीडिया पर या सोशल मीडिया पर पूरी घटना नहीं बता सकती। ये लड़ाई लंबी है और मैं डरने वाली या पीछे हटने वाली नहीं हूं। मुझे और भी कई मुद्दों पर बात करनी है। उसने लोकरक्षक और कांस्टेबल के महत्व, वेतन, मानसिक स्थिति और भ्रष्टाचार पर भी चर्चा की।

राजस्थान मूल की है सुनीता यादव


सूरत में मंत्री पुत्र से तकरार से चर्चा में आई सुनीता यादव कौन है, इस पर भी चर्चा हो रही है। परिचित और करीबी सूत्रों का कहना है कि उसका परिवार मूल रूप से राजस्थान के सीकर जिले के रानोली गांव का हैं। लेकिन चाचा-ताऊ समेत पूरा परिवार वर्षों से सूरत के अमरोली छापरा भाठा क्षेत्र में बसा है।

सुनीता ने धारुका वाला कॉलेज से बीए और वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यायल से इकोनॉमिक्स में एमए किया हैं। उसने एनसीसी में बेस्ट कैडेट का अवॉर्ड भी जीता है। वह शतरंज की अच्छी खिलाड़ी भी है। पिछले तीन साल से वह गुजरात पुलिस में बतौर लोकरक्षक (कांस्टेबल) सेवारत हैं।

ड्यूटी के साथ ही वह जीपीएससी समेत प्रशासनिक सेवा के लिए तैयारी भी कर रही हैं। उसका सपना आईपीएस अधिकारी बनने का है। सूत्र बताते हैं कि गांधीनगर में रहने वाले युवक से उसकी सगाई भी हो चुकी है और नवम्बर में शादी प्रस्तावित है। हालांकि उपर्युक्त जानकारी की सुनीता से पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल वह मीडिया से सीधे संवाद नहीं कर रही हैं।

पटेल से जांच लेकर पंड्या को सौंपी

सुनिता यादव और मंत्री काननी के पुत्र प्रकाश के बीच हुई तकरार के मामले का जांच अधिकारी बदल दिया गया है। शहर पुलिस आयुक्त राजेन्द्र ब्रह्मभट्ट ने मंगलवार शाम पत्रिका से बात चीत में बताया कि मामले की जांच एसीपी सी के पटेल से वापस लेकर एफ डिवीजन एसीपी जे के पंड्या को सौंपी गई है।

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सी के पटेल उसी क्षेत्र के एसीपी है, जहां घटना हुई थी और मामले में उन्होंने सुनीता से फोन पर बात भी की थी। इसी वजह से जांच बदली गई है ताकि इस पर कोई सवाल नही रहे। वहीं सूत्रों का कहना है कि सी के पटेल मंत्री कनानी के करीबी होने की भी चर्चा थी इसलिए जांच अधिकारी बदला गया।