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सूरत. अस्पताल ब्लैक लिस्टेड है, यह ग्राहक को बताने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है। यह मानते हुए ग्राहक कोर्ट ने बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बीमाधारक की याचिका मंजूर करते हुए बीमा कंपनी को क्लेम की राशि ब्याज समेत चुकाने का आदेश दिया है।
पूणागाम अर्जुन नगर निवासी रजनीकांत बाबू डोबरिया ने अधिवक्ता नरेश नावडिया के जरिए ग्राहक कोर्ट में स्टार हैल्थ एण्ड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की थी। दरअसल, रजनीकांत डोबरिया ने बीमा कंपनी से मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदी थी। पॉलिसी की लागू अविध के दौरान उनकी पत्नी को पेट में दर्द की समस्या हुई और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उपचार के लिए 61,162 रुपए खर्च हुए। इसके बाद रजनीकांत ने बीमा कंपनी में क्लेम किया, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कारण बताते हए क्लेम नामंजूर कर दिया कि बीमाधारक ने जिस अस्पताल में उपचार करवाया है वह अस्पताल बीमा कंपनी की ब्लैक लिस्ट में शामिल है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नरेश नावडि़या ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि अस्पताल को लेकर जानकारी देने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है और उनके मुवक्कील को पॉलिसी खरीदते समय ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे यह बीमा कंपनी का अनुचित व्यवहार माना जाना चाहिए और क्लेम की राशि चुकाने की लिए आदेश करना चाहिए। बीमा कंपनी भी अपना पक्ष साबित करने में विफल रही। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हए शिकायत याचिका मंजूर कर ली और बीमा कंपनी को क्लेम की राशि याचिका दायर करने की तारीख से सालाना नौ फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया है।
Published on:
09 Feb 2023 08:32 pm
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