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दुष्कर्म के आरोपी जैन मुनि ने जेल में दिए ‘प्रवचन’

युवती से दुष्कर्म के आरोप में लाजपोर जेल में कैद जैन मुनि आचार्य शांतिसागर अपनी दिनचर्या से अन्य कैदियों को प्रभावित करने से नहीं चूक रहे हैं। हालांक

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सूरत।युवती से दुष्कर्म के आरोप में लाजपोर जेल में कैद जैन मुनि आचार्य शांतिसागर अपनी दिनचर्या से अन्य कैदियों को प्रभावित करने से नहीं चूक रहे हैं। हालांकि जेल प्रशासन ने इसको नकारा है, लेकिन आचार्य से मिलकर लौटे समाज के लोग कुछ ऐसा ही बता रहे हैं। सूरत में नानपुरा के दिगम्बर जैन मंदिर में वड़ोदरा की एक युवती से दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने आचार्य शांतिसागर को गिरफ्तार किया था। आचार्य न्यायिक हिरासत में लाजपोर जेल में बंद हैं। बताया जाता है कि वहां भी उनकी दिनचर्या मुनि जीवन के परिवेश में ही चल रही है।

कई घंटे के अंतराल में उनके जल सेवन और भोजन के रूप में मात्र फल ही ग्रहण किए जाने की जानकारी मिली है।

सोमवार को लाजपोर जेल में आचार्य शांतिसागर से मिलकर आए समाज के लोगों ने बताया कि रविवार को वह जेल में ही ध्यान में लीन थे। कुछ कैदियों ने उनकी इस अवस्था से प्रभावित होकर उनसे धर्म-अध्यात्म की बातें जानने की अपेक्षा जताई। इसके बाद वहीं आचार्य शांतिसागर ने कैदियों के साथ सत्संग-प्रवचन का आयोजन किया। जेल में महाराज से मिलकर लौटे दिगम्बर जैन समाज के लोगों ने बताया कि उनकी बातों से प्रभावित होकर करीब सौ कैदियों ने मांसाहार और नशे से दूर रहने का संकल्प किया।

गौरतलब है कि आचार्य शांतिसागर युवती से दुष्कर्म के आरोप को लगातार गलत बताते रहे हैं। इस दौरान मेडिकल और पोटेंसी टेस्ट के अलावा उनसे कई बार पुलिस पूछताछ भी हो चुकी है।

नहीं हुआ प्रवचन

&दुष्कर्म मामले के आरोपी जैन मुनि का जेल में कोई प्रवचन कार्यक्रम नहीं हुआ। वह न्यायिक हिरासत में आम कैदियों की तरह ही रह रहे हैं। एस.आर. चौधरी, अधीक्षक, लाजपोर सेंट्रल जेल, सूरत


ज्ञानपंचमी पर्व मनाया

न्यू रांदेर रोड पर ओलम्पिया टावर में विराजित ज्ञानरश्मिविजय महाराज के सानिध्य में बुधवार को ज्ञानपंचमी पर्व के उपलक्ष में सरस्वती देवी और ज्ञानपूजा की आराधना की गई। इस मौके पर महाराज ने कहा कि सम्यक ज्ञान प्राप्ति से जीवन में अज्ञानरूपी अंधकार का नाश होता है। किसी भी रूप में की गई ज्ञान की उपेक्षा व्यक्ति के जीवन में कई समस्या पैदा करती है। पुस्तक, लेखनी आदि ज्ञान के किसी भी उपकरण की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। शहर में ज्ञानपंचमी के अवसर पर जैन श्रद्धालुओं द्वारा ज्ञान के उपकरणों की वासक्षेप पूजा की गई। विभिन्न गुरु भगवंतों के सानिध्य में उपाश्रयों में सरस्वती पूजा के अनुष्ठान कराए गए।